UP Nikay Chunav 2023 : यूपी निकाय चुनाव को सुप्रीम कोर्ट से मिली हरी झंडी, जल्द जारी होगा नोटिफिकेशन
UP Nikay Chunav News: सर्वोच्च न्यायालय ने ने उत्तर प्रदेश सरकार को निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी करने की इजाजत दी है। शीर्ष अदालत ने ईबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने को भी कहा है।
UP Nagar Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार (27 मार्च) को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के लिए आदेश जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निकाय चुनाव कराने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने की इजाजत दी है। वहीं, शीर्ष अदालत में यूपी सरकार की ओर से कहा गया है कि ओबीसी कमीशन (UP OBC Commission) ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से कहा गया है कि, अगर शीर्ष अदालत इजाजत दे तो वह दो दिन के भीतर ही नोटिफिकेशन जारी कर सकते हैं। जिसके बाद उन्हें कोर्ट ने 2 दिन के अंदर नोटिफिकेशन जारी करने का निर्देश दिया है।
SC के फैसले पर CM योगी का ट्वीट
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान आया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा OBC आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर OBC आरक्षण के साथ नगरीय निकाय चुनाव कराने का आदेश स्वागत योग्य है। विधि सम्मत तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार समयबद्ध ढंग से नगरीय निकाय चुनाव कराने हेतु प्रतिबद्ध है।'
माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा OBC आयोग की रिपोर्ट स्वीकार कर OBC आरक्षण के साथ नगरीय निकाय चुनाव कराने का आदेश स्वागत योग्य है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 27, 2023
विधि सम्मत तरीके से आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार समयबद्ध ढंग से नगरीय निकाय चुनाव कराने हेतु प्रतिबद्ध है।
योगी सरकार ने कोर्ट में दी थी OBC कमीशन की रिपोर्ट
शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को ओबीसी रिजर्वेशन के साथ ही चुनाव कराने की अनुमति दी है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से पहले ही ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी गई थी। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने उसे भी मंजूरी दे दी। गौरतलब है कि, लंबे वक्त से उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों पर रोक लगी थी। हाईकोर्ट की ओबीसी आरक्षण (UP OBC Commission) के साथ चुनाव कराने के राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगाई गई थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। जहां आज फैसला आया।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने कहा कि, '28 दिसंबर 2022 को OBC आयोग का गठन किया गया था। इस मामले को लेकर 7 मार्च 2023 को आयोग ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
आपको बता दें, इससे पहले यूपी निकाय चुनाव को लेकर पिछड़ों का आरक्षण तय करने के लिए गठित उप्र राज्य समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने निकायवार ओबीसी आबादी (OBC population in UP) की राजनीतिक स्थिति के आकलन के आधार पर आरक्षण की सिफारिश की थी। जिसके लिए 1995 के बाद हुए निकायों के चुनाव के रिजल्ट को आधार बनाया गया। प्रदेश के सभी निकायों के परीक्षण के बाद ओबीसी आयोग ने 20-27 फीसदी रेंज में अलग-अलग निकायों के लिए अलग-अलग आरक्षण देने की सिफारिश की।