सपा सांसद आजम खान के बेटे को SC से राहत, जमानत रद्द करने वाली याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट से ही इससे पहले अब्दुल्ला आजम खान को बीते दिनों बड़ा झटका लगा था। कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खान के निर्वाचन रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

Update: 2021-01-21 11:10 GMT
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुछ दिनों अब्दुल्ला आजम खान की विधायकी रद्द कर कर दी थी। कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2017 में जब वो निर्वाचित हुए थे, तब उनकी उम्र चुनाव लड़ने के लिए कम थी।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें अब्दुल्ला आजम की जमानत रद्द करने की मांग की गई थी।

बता दें कि इससे पहले बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट से ही अब्दुल्ला आजम खान को बड़ा झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम खान के निर्वाचन रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।

इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के याचिकाकर्ता नवाब काजिम अली को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। दरअसल अब्दुल्ला आजम खान ने अपनी विधायकी रद्द किए जाने के संबंध में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले पर 25 मार्च को अगली सुनवाई होगी।

सपा सांसद आजम खान के बेटे को SC से राहत, जमानत रद्द करने वाली याचिका खारिज(फोटो:सोशल मीडिया)

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आजम खान की विधायकी पहले ही की जा चुकी है रद्द

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुछ दिनों पहले अब्दुल्ला आजम खान की विधायकी रद्द कर कर दी थी। कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2017 में जब वो निर्वाचित हुए थे, तब उनकी उम्र चुनाव लड़ने के लिए कम थी।

अपनी याचिका में काजिम अली ने कहा था कि अब्दुल्ला की वास्तविक जन्मतिथि 30 सितंबर, 1990 की बजाय एक जनवरी, 1993 है। उन्होंने इसके लिए अब्दुल्ला के शैक्षणिक प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और वीजा पर अंकित जन्म तिथि एक जनवरी, 1993 का हवाला दिया था।

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अब्दुल्ला आजम खान(फोटो:सोशल मीडिया)

कागजों में दर्ज जन्मतिथि में पाई गई थी गड़बड़ी

हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला की मां के सर्विस रिकॉर्ड समेत उनकी जन्मतिथि से संबंधित समस्त दस्तावेज की जांच की थी जिसमें उसने पाया कि दस्तावेजों में अब्दुल्ला की जन्मतिथि एक जनवरी, 1993 दर्ज है।

अपने आदेश में हाईकोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को फैसले से चुनाव आयोग और उत्तर प्रदेश विधानसभा को अवगत कराने को भी कहा था ताकि वो आगे की कार्रवाई कर सकें।

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