हत्या के मामले में 6 साल बाद कोर्ट ने सुनाया ऐसा फैसला,थर-थर कांप उठा आरोपी

जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने गैर इरादतन हत्या के आरोपित उपनिरीक्षक को आठ वर्ष का सश्रम कारावास व 12 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनायी। अर्थदंड न अदा करने पर आरोपित को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा।

Update: 2020-01-20 15:15 GMT

अम्बेडकर नगर: जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने गैर इरादतन हत्या के आरोपित उपनिरीक्षक को आठ वर्ष का सश्रम कारावास व 12 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनायी।

अर्थदंड न अदा करने पर आरोपित को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। मालीपुर थाना में गत 18 अगस्त 2014 को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का कार्यक्रम थाना स्थित मंदिर में चल रहा था।

रात्रि में मालीपुर थानाध्यक्ष सुरेश कुमार पटेल की पत्नी शांति पटेल पूजा करने के लिए मंदिर के सामने चबूतरे पर बैठी थी। तभी थाने में नियुक्त उपनिरीक्षक घनश्याम मिश्रा अपनी सरकारी रिवाल्वर लेकर आया और रिवाल्वर से फायर कर दिया।

जिससे शांति पटेल को कमर में गोली लग गयी। गोली लगते ही उपनिरीक्षक सरकारी रिवाल्वर मय कारतूस लेकर फरार हो गया। घायल को जिला अस्पताल लाया गया जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

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मृतका के पति थानाध्यक्ष सुरेश कुमार पटेल की तहरीर पर उपनिरीक्षक घनश्याम मिश्रा के विरुद्ध गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया। विवेचना के उपरांत पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।

सुनवाई के दौरान डीजीसी क्रिमिनल गोविंद श्रीवास्तव ने गवाहों को न्यायालय पर परिलक्षित कराते हुए सजा दिए जाने के पक्ष में तर्क प्रस्तुत किया। सुनवाई के उपरांत न्यायाधीश ने आरोपित उपनिरीक्षक घनश्याम मिश्रा के विरुद्ध दोष सिद्ध करते हुए सजा सुनायी।

मामले में न्यायालय ने वादी मुकदमा सुरेश कुमार पटेल, साक्षी रमाशंकर, उपनिरीक्षक शम्भू नाथ यादव, कांस्टेबल पंकज कुमार राय व कांस्टेबल सन्तोष कुमार मौर्य को शपथ लेकर गलत बयानी करने के सम्बंध में नोटिस जारी किया है कि उन्हें न्यायालय में गलत बयानी करने के लिए दण्डित क्यों न किया जाय।

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