CM योगी के क्षेत्र में सोया है स्वास्थ्य महकमा, स्वाइन फ्लू की मिली पहचान

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर का संक्रमण बीमारियों से निपटने के लिए कोई योजना तैयार नहीं है। शहर में रहने वाले अधेड़ में स्वाइन फ्लू की पहचान मिली है। पीड़ित व्यक्ति राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती है।;

Update:2017-07-13 18:04 IST

लखनऊ/गोरखपुर: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर का संक्रमण बीमारियों से निपटने के लिए कोई योजना तैयार नहीं है। शहर में रहने वाले अधेड़ में स्वाइन फ्लू की पहचान हुई है। पीड़ित व्यक्ति राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती है। इसकी पुष्टि एसजीपीजीआई ने की है।

अस्पतालों में संक्रमण बीमारियों से निपटने को लेकर कोई तैयारी नहीं है। किसी भी सरकारी अस्पताल में 'टेमीफ्लू' है ही नहीं। अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बना ही नहीं है। पिछले साल जिला अस्पताल में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड जिला अस्पताल में ही तैयार किया गया था। वह अब तक इस साल शुरू तक नहीं हुआ है। आला अधिकारियों की ओर से भी कोई निर्देश नहीं हैं। सीएमओ के ड्रग स्टोर में टेमीफ्लू की 300 गोलियां हैं। इसमें 75 मिलीग्राम की 150 और 30 मिलीग्राम की 150 गोली है।

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सरकारी अस्पतालों में नहीं होती है जांच

सरकारी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है। फ्लू एक संक्रामक बीमारी है। यह एच वन एन वन वायरस से होता है। इसके लक्षण सर्दी-जुकाम वाले ही होते हैं। सही समय पर इलाज न होने पर इससे मरीज की मौत हो जाती है। गंभीर बात यह है कि इस बीमारी के जांच का कोई इंतजाम नहीं है।

बीआरडी में शुरू हुई वीडीआरएल

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में वॉयरल डॉयग्नोस्टिक लैब (वीडीआरएल) बना है। इसमें डेंगू और स्वाईन फ्लू के जांच के इंतजाम किए गए हैं। हालांकि इस वर्ष अब तक एक भी नमूना जांच के लिए बीआरडी नहीं भेजा है।

क्या कहना है सीएमओ का?

सीएमओ डॉ रवीन्द्र कुमार का कहना है कि अब तक स्वाईन फ्लू का कोई मरीज नहीं मिला था। ऐसे में आईसोलेशन वार्ड की जरुरत नहीं समझी गई। मरीज की सूचना लखनऊ से मिली है। टीम को उसके घर भेजा गया है। मरीज के संपर्क में रहने वाले परिवारजनों को दवा दी गई है। इस बीमारी के इलाज में सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

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