Taj Mahal Controversy: परमहंस आचार्य को ताजमहल में नहीं मिला प्रवेश, आचार्य की गाड़ी चला रहे ड्राइवर को पुलिस ने जबरन उतारा
Agra News: परमहंस आचार्य ने आरोप लगाया था कि सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों ने उन्हें भगवा वस्त्र के कारण अन्दर नहीं जाने दिया गया था ।
Agra News: अयोध्या छावनी के जगत गुरु परमहंस आचार्य को प्रशासन और पुलिस ने आज ताजमहल में प्रवेश नहीं करने दिया। परमहंस आचार्य को प्रशासन और पुलिस के काफिले ने ताजमहल जाते वक्त सड़क पर ही रोक लिया और उनसे ताजमहल ना जाने के लिए निवेदन किया। लेकिन परमहंस आचार्य अपनी जिद पर अड़े रहे और वह किसी भी तरीके से मानने के लिए तैयार नहीं थे।
पुलिस और प्रशासन के काफिले के बीच परमहंस आचार्य का वाहन ताजमहल की तरफ बढ़ने लगा, लेकिन ताजमहल जाने का रास्ता छोड़कर काफिला प्रताप पुरा चौराहे की तरफ मुड़ गया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के मंसूबे भापकर परमहंस आचार्य ने तीन जगह अपनी गाड़ी रोकी। परमहंस आचार्य ने इस बीच कैमरे के सामने यह ऐलान कर दिया कि अगर उनको ताजमहल नहीं ले जाया जाता है तो वह अपने संवैधानिक अधिकार का उपयोग कर अनशन करेंगे और अपने प्राण त्याग देंगे।
अधिकारी फिर काफिले को आगे बढ़ा कर चल दिए। प्रशासन पुलिस और परमहंस आचार्य के बीच 3 घंटे तक ताजमहल जाने की जद्दोजहद चलती रही। परमहंस आचार्य ताजमहल जाकर शिवलिंग प्राण प्रतिष्ठा से पहले आज अक्षय तृतीया वाले दिन भूमि पूजन करने के लिए अड़े रहे।
प्रताप पुरा चौराहे से मुड़ते ही अचानक काफिला रोक दिया गया। परमहंस आचार्य की गाड़ी चला रहे रवि दुबे को पुलिस वालों ने नीचे उतार दिया। रवि दुबे को नीचे उतारने के बाद पुलिस के एक दारोगा ने स्टेरिंग संभाली तभी एक अन्य सादे लिबास में पुलिसवाला आया, दारोगा को नीचे उतार कर खुद ने स्टेरिंग संभाल ली। प्रशासन और पुलिस का काफिला परमहंस आचार्य की गाड़ी को लेकर बहुत तेज रफ्तार में महात्मा गांधी मार्ग पर दौड़ने लगा। परमहंस आचार्य को दिल्ली आगरा नेशनल हाईवे पर बने सुनसान इलाके कीठम झील के डाक बंगले में ले जाया गया है। कीठम झील में प्रवेश की अनुमति नहीं है।
बता दें, आगरा के ताजमहल विवाद के बाद आज एक बार फिर तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंसाचार्य (Jagadguru Paramhansacharya ) ताजमहल पहुंचे। ब्रमदंड और भगवा पहने होने के चलते उन्हें कुछ दिन पूर्व ताजमहल (Taj Mahal Controversy) में नही दिया गया था प्रवेश । परमहंस आचार्य ने ये आरोप लगाया था कि सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों ने उन्हें इस लिए अन्दर नहीं जाने दिया क्योंकि उन्होंने धर्म दंड और भगवा वस्त्र पहना हुआ था ।
जगद्गुरु परमहंसाचार्य (Jagadguru Paramhansacharya ) के इस आरोप के बाद से कई हिन्दूवादी संगठन ने आन्दोलन शुरू कर दिया था । ये मामला मीडिया में काफी गरमाया । मीडिया की सुर्ख़ियों में जब ये मामला आया तब पुरातत्व विभाग के चीफ आर के राय ने इस मामले पर जगद्गुरु आचार्य परमहंस से माफ़ी मांगी और उन्हें आगरा आकर ताजमहल के दीदार का निमंत्रण दिया।
मुगलों ने ताजमहल का बदला नाम
जगद्गुरु आचार्य परमहंस ने कहा कि आज धर्मरथ पर बैठकर आगरा के प्राचीन शिव मंदिर जिसे विधर्मियों ने मुगलों ने ताजमहल का नाम दे दिया, आज अक्षय तृतीया के दिन 12 बजे पूर्वी गेट से प्रवेश लेंगे ।
आचार्य ने उग्र होकर किया था बड़ा ऐलान
बता दें, इस मामले के बाद तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने उग्र होकर एक बड़ा ऐलान कर दिया था । जिसमें उन्होंने 5 मई को आगरा के ताजमहल आकर शिवजी की मूर्ति स्थापित करने की बात कही थी । यह भी अपील की थी कि 5 मई को सुबह 10 :00 बजे ताज महल के पश्चिम गेट से सभी लोग एकत्रित हो ।