हाईकोर्ट ने पूछा: क्या अन्तर्जातीय विवाहितों की सुरक्षा के लिए कार्यवाही हो रही ?

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने राज्य सरकार के अधिवक्ता सन्तोष कुमार पांडेय से शासनादेश के तहत याची की सुरक्षा के लिए पुलिस द्वारा उठाये गये कदमां की 30 सितम्बर तक जानकारी मांगी है। कोर्ट का मानना है कि जब राज्य सरकार ने 31 अगस्त के शासनादेश से पुलिस को घर से भाग कर शादी करने वाले जोड़ों को सुरक्षा देने की व्यवस्था की है तो पुलिस पालन क्यों नहीं कर रही है।

Update:2023-05-17 18:59 IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि अंतर जातीय या अंतर धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ां की सुरक्षा के 31 अगस्त 19 के शासनादेश के तहत कार्यवाही की जा रही है या नहीं? शासनादेश के तहत ऐसे जोड़ां को एक माह से अधिकतम एक साल तक सुरक्षित स्थान पर रखने की जिम्मेदारी पुलिस को सांपी गयी है। कोर्ट ने अमरोहा के याचियों सरोज व भूपेंद्र सिंह की सुरक्षा की गुहार में दाखिल याचिका में पुलिस पर सुरक्षा मुहैया न कराने का आरोप लगाया गया है।

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शासनादेश से पुलिस को घर से भाग कर शादी करने वाले जोड़ों को सुरक्षा देने की व्यवस्था की है

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने राज्य सरकार के अधिवक्ता सन्तोष कुमार पांडेय से शासनादेश के तहत याची की सुरक्षा के लिए पुलिस द्वारा उठाये गये कदमां की 30 सितम्बर तक जानकारी मांगी है। कोर्ट का मानना है कि जब राज्य सरकार ने 31 अगस्त के शासनादेश से पुलिस को घर से भाग कर शादी करने वाले जोड़ों को सुरक्षा देने की व्यवस्था की है तो पुलिस पालन क्यों नहीं कर रही है।

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लोगों को हाईकोर्ट आना पड़ रहा है। शासनादेश से जोड़ां के परिवार की भी सुरक्षा की व्यवस्था की गयी है। सभी को सुरक्षित घरों में रखने को कहा गया है।और कहा गया है कि जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस अधीक्षक भय की एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट दे और भय पैदा करने वालां पर आपराधिक अभियोग की कार्यवाही की जाय।

सरकार ने हर जिले में विशेष प्रकोष्ठ गठित किया है जिसमे सुरक्षा की मांग की जा सकेगी। जो उस पर कार्यवाही करेगी। आनर किलिंग व शादी करने वाले ऐसे जोड़ो के विरुद्ध हिंसा के अपराध की फास्ट ट्रैक कोर्ट 6 माह में सुनवाई पूरी की जायेगी।

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