खबर का असर: आत्मदाह करने वाले दंपत्ति को 24 घंटे में मिला इंसाफ
सत्यपाल ने 23 अगस्त को एक बार फिर जुगेंद्र के साथ मारपीट की । जिसमें थाना के पुलिस ने जुगेंद्र का मेडिकल करा लिया। दारोगा और हल्का इंचार्ज दीपक नागर ओर सत्यपाल की साठगांठ के चलते पीड़ित का मुकदमा दर्ज नही हो रहा था और इसी से व्यथित होकर जुगेंद्र ने अपनी पत्नी के साथ थाना परिसर में ही पुलिस के सामने न्याय मांगते मांगते अपनी जान देने की ठान ली और बुधवार सुबह अपने आप को थाने में ही आग के हवाले कर लिया ।
मथुरा: बीते दिन मथुरा के थाना सुरीर परिसर में उस वक्त हड़कंप मच गया था जब एक दंपती ने थाने में ही पेट्रोल डाल खुद को आग के हवाले कर लिया। इस हादसे का जिम्मेदार दरिंदा सत्यपाल है जिसके आतंक ने कस्बा सुरीर के रहने वाले जुगेंद्र को थाने में ही आत्मदाह करने के लिए मजबूर किया था । सत्यपाल पूर्व में भी दो बार जुगेंद्र के साथ मारपीट कर चुका था और पुलिस सत्यपाल को 2 बार जेल भी भेज चुकी थी ।
कहते हैं कि पुलिस चाहे तो अपराध ही ना हो और जब पुलिस अपने पर आती है तो अपराधी को पाताल से भी चंद मिनटों में ढूंढ लाती है ठीक ऐसा ही थाना सुरीर थाने के परिसर में आत्मदाह करने वाले दंपत्ति के आरोपी को कुछ ही घंटों में पुलिस ने गिरफ्तार करके एक बार फिर साबित कर दिया है ।
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सत्यपाल ने 23 अगस्त को जुगेंद्र के साथ मारपीट की थी
सत्यपाल ने 23 अगस्त को एक बार फिर जुगेंद्र के साथ मारपीट की । जिसमें थाना के पुलिस ने जुगेंद्र का मेडिकल करा लिया। दारोगा और हल्का इंचार्ज दीपक नागर ओर सत्यपाल की साठगांठ के चलते पीड़ित का मुकदमा दर्ज नही हो रहा था और इसी से व्यथित होकर जुगेंद्र ने अपनी पत्नी के साथ थाना परिसर में ही पुलिस के सामने न्याय मांगते मांगते अपनी जान देने की ठान ली और बुधवार सुबह अपने आप को थाने में ही आग के हवाले कर लिया ।
मामले में दोषी पाए गए कस्बा इंचार्ज दीपक नागर को निलंबित किया गया
आग के हवाले होते ही थाना पुलिस विभाग में एसएसपी से लेकर DGP तक हड़कंप मच गया । सबसे पहले मामले में दोषी पाए गए कस्बा इंचार्ज दीपक नागर को निलंबित किया गया उसको बाद तो मानो सस्पेंशन की झड़ी लग गयी । देखते ही देखते शाम से पहले थाना प्रभारी अनूप सरोज ,ओर रक दारोगा सुनील सिंह को भी निलंबित कर दिया गया ।
थाने में आत्मदाह की खबर फैलने के बाद DGP ने एक सख्त संदेश देने के लिए तीनों पुलिसकर्मियों जिसमें थाना प्रभारी 23 अगस्त को प्रार्थना पत्र रिसीव करने व हल्का इंचार्ज को लापरवाही बरतने के आरोप में 166 A की धारा में एफ आई आर करने के निर्देश दिए ।
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उधर आरोपी सत्यपाल की गिरफ्तारी के लिए कई टीम को लगाया गया था । जिस आरोपी सत्यपाल को हल्का इंचार्ज दीपक नागर 23 तारीख से गिरफ्तार नही कर पा रहा था उसे पुलिस ने रात 9 बजे यानी आत्मदाह की घटना के 12 घण्टे तक के भीतर ही गिरफ्तार कर लिया ।
समय रहते कार्यवाही होती तो दो-दो जिंदगियां आज मौत से जूझ नहीं रही होती
फिलहाल आरोपी सत्यपाल एक बार फिर पुलिस की गिरफ्त में है और आज उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा । आरोपी सत्यपाल को पुलिस ने जिस तरह से कुछ ही घंटो में गिरफ्तार कर लिया उसके बाद सवाल खड़ा होना लाजमी है कि यदि दारोगा समय रहते सत्यपाल पर कार्यवाही कर देता तो फिर न तो जुगेंद्र को आत्मदाह करनी पड़ती । और न ही आज जुगेंद्र और उसकी पत्नी को जिंदगी और मौत से अस्पताल में लड़ना पड़ता और न ही पुलिस विभाग की छवि धूमिल होती । लेकिन दारोगा दीपक नागर ने कानून को ठेंगा दिखाने वाले सत्यपाल की मदद की और खुद तो कानून के शिकंजे में फॅसे ही साथ ही अन्य पुलिस कर्मियों को कटघरे में खड़ा कर दिया ।