संस्कारी शिक्षा प्राप्त हो यही नई शिक्षा नीति का उद्देश्य: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

आज राजभवन से ईश्वर शरण डिग्री कालेज, प्रयागराज के स्वर्ण जयन्ती समारोह को आनलाइन सम्बोधित करते हुए कहा आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पुरातनकाल में भारत शिक्षा के क्षेत्र में विश्वगुरू था।

Update: 2020-10-13 11:35 GMT
संस्कारी शिक्षा प्राप्त हो यही नई शिक्षा नीति का उद्देश्य: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (social media)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उददेश्य ऐसे नागरिकों का निर्माण करना है जो भारत की परम्परा, विरासत, सांस्कृतिक मूल्यों एवं तकनीकी ज्ञान तथा कौशल विकास में समन्वय स्थापित करे। इसलिए इस नीति में प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा की प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन किये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की संकल्पना समाज की आवश्यकता तथा विद्यार्थियों की रचनात्मक सोच, तार्किकता एवं नवाचार की भावना पर आधारित है।

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आज राजभवन से ईश्वर शरण डिग्री कालेज, प्रयागराज के स्वर्ण जयन्ती समारोह को आनलाइन सम्बोधित करते हुए कहा आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पुरातनकाल में भारत शिक्षा के क्षेत्र में विश्वगुरू था। उस समय विज्ञान, सामाजिक शिक्षा, नैतिक शिक्षा प्रमुख रूप से पढ़ाई जाती थी। लेकिन ब्रिटिशकाल में अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था ने सब कुछ बदल दिया। पुरानी शिक्षा व्यवस्था को नष्ट कर दिया गया।

बच्चों को रूचिकर और संस्कारी शिक्षा प्राप्त हो यही नई शिक्षा नीति का मुख्य उददेश्य है

राज्यपाल ने कहा कि बच्चों को रूचिकर और संस्कारी शिक्षा प्राप्त हो यही नई शिक्षा नीति का मुख्य उददेश्य है। नई शिक्षा नीति की जो सोच है, उसकी झलक पाठ्यक्रमों में भी आनी चाहिए। बच्चों की बुनियादी शिक्षा उसकी मातृभाषा में दी जानी चाहिए, जिससे बच्चे आसानी एवं शीघ्रता से सीख सकें। आज के बच्चों का आई-क्यू बहुत अच्छा है और वह अभी से तरह-तरह के प्रश्न करने लगे हैं, जो पहले के बच्चे ऐसा सोच भी नहीं सकते थे। इसी के मद्देनजर अध्यापकों के दो साल के अन्तराल पर प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बच्चों में देशप्रेम, सेवाभाव, नैतिकता और सत्यता का बोध कराये।

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आनंदीबेन पटेल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अकादमिक क्रेडिट बैंक की स्थापना से महिलाओं को सर्वाधिक लाभ होगा। इसी प्रकार शिक्षा में बालिकाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जेन्डर समावेशी फण्ड की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति के पूरी तरह से क्रियान्वयन के बाद देश के शिक्षा जगत में दूरगामी सकारात्मक परिणाम परिलक्षित होंगे।

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इससे पहले राज्यपाल ने महाविद्यालय की गोल्डन जुबिली स्मारिका का विमोचन, प्रा0 प्रमिला श्रीवास्तव परिसर का उद्घाटन एवं प्रतिमा का अनावरण तथा लर्निंग मैनेजमेन्ट सिस्टम ‘अविरल’ का उद्घाटन किया।

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