नहीं लगाने होंगे अस्पताल के चक्कर, ई-सुविधाओं से लैस होंगे लखनऊ के ये 3 सरकारी हॉस्पिटल
मरीजों को हॉस्पिटल में होने वाली परेशानी से निजात दिलाने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ने ई-हॉस्पिटल के तहत राजधानी के तीन हॉस्पिटल्स को एक-एक करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं।
लखनऊ: मरीजों को हॉस्पिटल में होने वाली परेशानी से निजात दिलाने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ने ई-हॉस्पिटल के तहत राजधानी के तीन हॉस्पिटल्स को एक-एक करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं। इस बजट की मदद से इन हॉस्पिटल्स की ओपीडी और भर्ती सेवाएं ऑनलाइन हो जाएंगी। जिससे हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों का सारा डाटा ऑनलाइन मौजूद रहेगा। सिर्फ इतना ही नहीं, जांच रिपोर्ट्स से लेकर डिस्चार्ज और मरीजों की केस हिस्ट्री भी ऑनलाइन की जाएगी।
राजधानी के ये तीन हॉस्पिटल बनेंगे ई-हॉस्पिटल
-मरीजों की लंबी लाइन को खत्म करने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन की मदद से अब सरकारी हॉस्पिटल्स को ई-हॉस्पिटल में तब्दील किया जाएगा।
-इसके लिए एनएचएम ने राजधानी के जिन तीन हॉस्पिटल को चुना है उनमें हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (सिविल हॉस्पिटल), गोलागंज स्थित बलरामपुर हॉस्पिटल और गोमती नगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल शामिल हैं।
-इन तीनों हॉस्पिटल्स को ई-हॉस्पिटल बनाने के लिए एनएचएम ने एक-एक करोड़ रूपए दिए हैं।
-एनएचएम के इस बजट से कंप्यूटर खरीद, नेटवर्किंग सॉफ्टवेर और इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
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इन सुविधाओं से लैस होंगे हॉस्पिटल
-ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
-डॉक्टर्स अपॉइंटमेंट
-ओपीडी में ऑनलाइन डायग्नोसिस की एंट्री
-मरीजों के भर्ती और डिस्चार्ज का ब्यौरा
-पैथोलॉजी, एक्स-रे और सीटी स्कैन की ऑनलाइन रिपोर्ट
-मरीजों को उनकी रिपोर्ट ई-मेल के जरिए उपलब्ध।
-पेशेंट हिस्ट्री ऑनलाइन होगी।
अगली स्लाइड में जानिए कैसे बदलेगा हॉस्पिटल्स का स्वरूप
डीएम की अध्यक्षता वाली जिला समिति से अनुमति ले कर बदलेगा हॉस्पिटल्स का स्वरूप
-सिविल हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे के मुताबिक. एनएचएम से मिले बजट को इस्तेमाल करने के लिए डीएम की अध्यक्षता वाली जिला समिति से अनुमति लेनी होती है
-दिसंबर में होने वाली समिति की बैठक में अनुमति ले ली जाएगी। जिसके बाद इन हॉस्पिटल्स को ई-हॉस्पिटल का स्वरुप दिया जाएगा।
-उन्होंने कहा कि ई- हॉस्पिटल के लिए जिला स्वास्थ समिति के बजट के इस्तेमाल की अनुमति लेना बाकी है।
-ई-सुविधा शुरू होने से मरीजों को घंटों लाइन में लगकर समय नही बर्बाद करना होगा और ना ही रिपोर्ट लेने के लिए बार बार हॉस्पिटल में दौड़ लगानी होगी।