Tips: इन बातों का रखें ख्याल, ऐसे बनाएं सोलो ट्रिप को सेफ और यादगार

हम जब किसी ट्रिप पर या वेकेशन पर जाते हैं तो फैमिली के साथ या फिर  दोस्तों के साथ जाना पसंद करते हैं, लेकिन क्या कभी आपने अकेले किसी ट्रिप का मजा लिया है। नहीं तो एक बार जरुर ले ऐसे ट्रिप का मजा। इससे सिर्फ कुछ नया ही नहीं सीखते हैं बल्कि खुद को पहचानने का भी एक मौका मिलता हैं।

Update: 2020-06-18 13:04 GMT

लखनऊ : हम जब किसी ट्रिप पर या वेकेशन पर जाते हैं तो फैमिली के साथ या फिर दोस्तों के साथ जाना पसंद करते हैं, लेकिन क्या कभी आपने अकेले किसी ट्रिप का मजा लिया है। नहीं तो एक बार जरुर ले ऐसे ट्रिप का मजा। इससे सिर्फ कुछ नया ही नहीं सीखते हैं बल्कि खुद को पहचानने का भी एक मौका मिलता हैं।

सोलो ट्रिप पर जाना वाकई काफी रोमांचक होता है। इसमें न सिर्फ आप किसी जगह को एक्‍सप्‍लोर कर रहे होते हैं बल्कि खुद को भी समझ रहे होते हैं। यह सबसे बेहतरीन मौका होता है जब आप अपने साथ वक्‍त बिता रहे होते हैं। तो ऐसे में आपकी इस सोलो ट्रिप को यादगार बनाने के लिए यात्रा पर निकलने से पहले कुछ खास बातों को अपनी चेकलिस्‍ट में जोड़ लें ताकि आपकी यह सोलो ट्रिप हमेशा के लिए यादगार बन जाए। जानते हैं

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*सबसे पहले जहां जा रहे है उसके बारे में पूरी जानकारी रख लें। इंटरनेट या गाइड बुक्स की मदद से खूब जानकारी इकट्ठा कर लें। अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने के लिए फ्लाइट लें या ट्रेन? एयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन से टैक्सी, ऑटो करें या बस और मेट्रो जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट। बड़ी जगहों के आसपास के रास्ते कौन-से होंगे? ऐसी कौन-सी जगह हैं, जो वहां जाकर देखना चाहिए। मौसम कैसा रहेगा? मोबाइल नेटवर्क कवरेज कैसा होगा? इमरजेंसी में कहां से मदद मिलेगी? इन सभी बातों को जानकर ही निकले।

*सोलो ट्रिप पर गए हैं तो इसका मतलब हरगिज नहीं कि रोमांच से दूर रहें। ट्रैकिंग का मन हो तो ट्रैकिंग करें, सागर किनारे मस्‍ती करनी हो तो जमकर करें। रिवर राफ्टिंग का मन हो तो उसका भी लुत्‍फ उठाएं।

*अकेले सोलो ट्रिप पर जा रहें हैं तो इसका मतलब यह नहीं हैं कि कभी भी अपना बैग उठाए और चल दिए। अगर अकेले या सोलो ट्रिप पर जाना चाहते हैं तो एक डायरी में सब नोट करें ताकि ट्रिप के दौरान किसी भी तरह की परेशानी ना उठानी पड़े। जरूरी नहीं हैं कि पूरी प्लानिंग आपके काम आएं, लेकिन ऐसा करने से आप पहले से ट्रांसपोर्ट से लेकर रुकने तक का इंतजान कम लागत में हो जाएगा।

 

*अकेले यात्रा करने का मतलब खुद के अंदर के व्यक्ति को बाहर लाना है। इस दौरान हमें कई तरह के अनुभव मिलते हैं, जो मायने रखते हैं। जैसे- अनजान लोगों से मिलना, अपनी कहानियां शेयर करना और नए दोस्त बनाना

*किसी नई जगह पर जाकर कुछ क्षण के लिए अपने निजी दुख-दर्द भूल जाएं। वहां जाकर वहां के लोगों की तरह बन जाएं। वहां की स्थानीय भाषा सीखें। अगर संभव हो, तो किसी लोकल परिवार के साथ रुकें। बहुत से लोग आपको अपना मेहमान समझकर अपनी दुनिया के बारे में बताएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खुद को पर्यटक की तरह सीमित न रखें। खुद को एक्सप्लोर करें, क्योंकि अकेले यात्रा करने का असली मतलब यही है।

 

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*डाइनिंग टेबल पर फैमिली या फिर दोस्‍तों के साथ होते हैं। ऐसे में अकेले कुछ खाना अच्‍छा नहीं लगता। लेकिन इसमें आप हिचकिचाएं नहीं। अगर बुक रीडिंग पसंद है तो जब खाने में मन न लगे तो बुक पढ़ते रहे और खाना शुरू कर दें। इसके अलावा कोई खास डिश खा रहे हों तो उसके बारे में जानकारी जरूर लें।

*अपनी यात्रा को यादगार बनाने के लिए वहां के स्थानीय लोगों से मिलें और उनसे दोस्ती करें, लेकिन सावधानी के साथ। नए लोगों के देखकर हर कोई उन्हें लूटने की कोशिश करता है, लेकिन आपके साथ कोई स्थानीय होगा तो वह कम लागत में शहर घूमने में मदद करेगा। इसके अलावा ये नए रिश्ते आगे भी काम आएंगे।

 

*ट्रैवल पर जाने से पहले यह सुनिश्‍चित कर लें कि कीमती वस्‍तुओं को साथ न ले जाएं। बाकी जिन चीजों को आप लेकर जा रहे हैं उन्‍हें संभाल कर रखें। कोशिश करें कि होटल से बाहर जाते वक्‍त आप अपनी कीमती वस्‍तुओं को अपने साथ लेकर जाएं।

*सामान जितना कम होगा, ट्रैवलिंग का मजा उतना ज्यादा आएगा, वरना घूमने से पहले सामान रखने के लिए क्लॉकरूम और होटल ढूंढने में ही वक्त, ताकत और पैसा खर्च होता रहेगा। इसी तरह से कई बार वीइकल न मिले तो भी आराम से पैदल चलकर थोड़ी-बहुत दूरी तय की जा सकती है।

 

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