UP News: इस दिन यूपी को दहलाने की थी साजिश, हिजबुल के संदिग्ध आतंकी का बड़ा खुलासा
UP News: प्रदेश के संवेदनशील जगहों की सुरक्षा-व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है। आतंकी अहमद रजा के अन्य साथियों की तलाश के लिए वेस्ट यूपी के कई जिलों में छानबीन चल रही है।
UP News: उत्तर प्रदेश एटीएस ने स्वतंत्रता दिवस से पहले एक बड़े आतंकी हमले की साजिश का पर्दाफाश किया है। भारत में आतंक फैलाने के लिए कुख्यात पाक पोषित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और जैश ए मोहम्मद ने आजादी के जश्न में खलल डालने की पूरी तैयारी कर रखी थी। दोनों इस खास मौके पर यूपी को दहलाने का मंसूबा पाले हुए थे। जिसकी तैयारी काफी समय से चल रही थी। इसका खुलासा एटीएस की गिरफ्त में आए हिजबुल के संदिग्ध आतंकी अहमद रजा ने किया है।
आतंकी रजा ने एटीएस अधिकारियों को पूछताछ में बताया कि वह अपने साथी के साथ मिलकर स्वतंत्रता दिवस पर किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की फिराक में था। यूपी में किन जगहों को दहलाने की साजिश रची गई थी, इसका खुलासा फिलहाल नहीं किया गया है। आतंकी से प्राप्त इनपुट के आधार पर प्रदेश के संवेदनशील जगहों की सुरक्षा-व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है। आतंकी अहमद रजा के अन्य साथियों की तलाश के लिए वेस्ट यूपी के कई जिलों में छानबीन चल रही है।
पाक आतंकी के संपर्क में था अहमद रजा
हिजबुल आतंकी अहमद रजा की जांच पड़ताल में एटीएस को कई चौंकाने वाली जानकारियां मिलीं। रजा पूरी तरह से आतंकी गतिविधियों के लिए खुद को समर्पित कर चुका था। वह जम्मू कश्मीर में सेना के ऑपरेशन में मारे गए कुख्यात आतंकी बुरहान वानी और जाकिर मूसा को अपना हीरो मानता था। उसकी ख्वाहिश तालिबानी सेना की स्पेशल फोर्स बदरी 313 कमांडो शाखा में शामिल होना था। रजा नियमित रूप से पाकिस्तान में रह रहे जैश ए मोहम्मद के आतंकी वलीद के संपर्क में था।
एटीएस के मुताबिक, वलीद के कहने पर ही उसने एक स्वचालित पिस्टल खरीदी थी, जिसे पिछले दिनों मुरादाबाद से बरामद किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों को उसके मोबाइल से जिहादी गतिविधियों से संबंधित कई वीडियो, फोटो और सोशल मीडिया पर आतंकियों से चैट मिले हैं। वह कुछ अफगानी आतंकियों के भी संपर्क में था। एजेंसी को लगता है कि उसने हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी ले रखी है।
अहमद रजा जैसे आतंकी की गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। एटीएस अब रजा के जरिए उन अन्य दहशतगर्दों तक पहुंचाना चाहती है, जो स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं।