राजनीति में अपराधियों की नई पालनहार भाजपा
उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले कई दशक से अपराधियों का राजनीतिक दलों के साथ चोली-दामन का रिश्ता बना हुआ है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले कई दशक से अपराधियों का राजनीतिक दलों के साथ चोली-दामन का रिश्ता बना हुआ है। चुनाव मैदान में भी राजनीतिक दल ऐसे ही जिताऊ चेहरों पर दांव लगाते रहे हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी के निचले स्तर के संगठनों में पिछले दिनों जिस तरह दागी चेहरों को मौका मिला है उसने विरोधी दलों को हमला करने का नया मौका दे दिया है। मेरठ, आगरा के बाद अब अलीगढ में पार्टी पदाधिकारियों के दागदार पाए जाने पर समाजवादी पार्टी ने भाजपा को अपराधियों की पालनहार करार दिया है।
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राजनीति में अपराध को बढ़ावा देने के मामले में भाजपा
राजनीति में अपराध को बढ़ावा देने के मामले में कभी भारतीय जनता पार्टी ही समाजवादी पार्टी पर हमलावर होती रही है। भाजपा ने अपने को पार्टी विद डिफरेंस भी बताया और इस नारे के दम पर आम जनमानस के बीच अपनी सकारात्मक छवि गढने में कामयाब भी रही। इसके बावजूद चुनाव के मौके पर भाजपा के कदम बार- बार फिसलते देखे गए। अब इस पार्टी के शीर्ष पदों पर अपराधी और दागी चेहरे न केवल काबिज हैं वरन कई तो ऐसे हैं जो अदालती कार्रवाई का सामना कर रहे हैं और कुछ को सजा भी मिल चुकी है। इसके बावजूद भाजपा ने पिछले छह -सात साल यानी मोदी युग में विकास को मुद्दा बनाने की कोशिश करते हुए अपराधियों से दूरी बनाई है।
चिन्मयानंद और कुलदीप सेंगर मामले में भी भाजपा कार्यकाल में हुआ
चिन्मयानंद और कुलदीप सेंगर मामले में भी भाजपा ने अंतिम तौर पर अपने को अलग-थलग दिखाया लेकिन जिस तरह से अब भाजपा में एक के बाद कई मामले सामने आए हैं जिनमें दागदार लोगों को पार्टी संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है उससे पार्टी के पुराने कार्यकर्ता भी हैरत में हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा के पुराने नेता ने न्यूज ट्रैक से कहा कि सालों-साल की तपस्या के बाद भी कई कार्यकर्ताओं को छोटे मौके भी नहीं मिल पा रहे हैं लेकिन जो तड़क-भड़क के साथ पार्टी से जुड रहे हैं वह दूसरों का अधिकार छीनने में कामयाब हो रहे हैं।
विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन
समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह साजन इसे भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा के लोग कुछ भी कहें लेकिन ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें भाजपा के पदाधिकारी ही पुलिस की डायरी में बतौर अपराधी दर्ज हुए हैं। मेरठ में भाजपा नेता संजीव गुप्ता के गोदाम से एनसीईआरटी की करोड़ो रुपये की नकली किताबें बरामद हुईं। आज तक उस नेता को बचाया जा रहा है। पुलिस अब तक गिरफ्तार तक नहीं कर सकी है। इस मामले में भाजपा के जनप्रतिनिधियों को भी शामिल बताया जा रहा है।
इसी तरह आगरा में भारतीय जनता पार्टी का महानगर अध्यक्ष भानु महाजन पर 20 करोड़ रुपये से ज्यादा के जीएसटी फर्जीवाड़े का आरोप है। वह भी फरार हैं और अब भाजपा ने अलीगढ में अपना मंडल उपाध्यक्ष जिस जितेंद्र सिंह को बनाया है वह शराब तस्कर है और दो महीने से जेल में बंद है। अब तक भाजपा केवल बडे अपराधियों को ही संरक्षण देती रही है लेकिन अब तो उसने जिला स्तर पर अपराध की नर्सरी खोल ली है। छोटे स्तर पर पदाधिकारी बनाकर अपराधियों का संरक्षण किया जा रहा है।
भाजपा के प्रदेश महासचिव जेपीएस राठौर इन आरोपों का कड़ाई से खंडन करते रहे
भाजपा के प्रदेश महासचिव जेपीएस राठौर इन आरोपों का कड़ाई से खंडन करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीति में अपराधीकरण की जिम्मेदार समाजवादी पार्टी ही है। भारतीय जनता पार्टी ने कभी अपराधियों को संरक्षण नहीं दिया। हमारी सरकार तो अपराधियों पर बुलडोजर चला रही है। बडे- बडे माफिया जेल में चुपचाप बैठे हुए हैं।
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भाजपा ने कभी सांसद और विधायक के लिए अपराधियों को मौका नहीं दिया। जहां तक अलीगढ या अन्य स्थानों पर गलत लोगों का चयन होने की बात है तो इसकी जांच कराई जाएगी। ऐसे छोटे पदों पर तैनाती की पूरी जानकारी कई बार प्रदेश अध्यक्ष को नहीं मिल पाती है। जहां भी ऐसे मामले आए हैं भाजपा उन सभी में शुचितापूर्ण राजनीति के मानदंडों पर कार्य करेगी। राजनीति में अपराध को बढावा देने वाले अब भाजपा को न सिखाएं। भाजपा में समाज की कसौटी पर खरे उतरने वालों को ही मौका मिलता है।
अखिलेश तिवारी
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