UP Budget Session 2023: विधानमंडल का बजट सत्र कल से, 22 को पेश होगा बजट, मां-बेटी की मौत और अन्य मुद्दों पर घेरेगा विपक्ष

UP Budget Session 2023: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र कल से शुरू होने वाला है। बजट सत्र के पहले दिन विधानमंडल के संयुक्त सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण होगा।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-02-19 15:11 GMT

UP Budget Session 2023: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का बजट सत्र कल से शुरू होने वाला है। बजट सत्र के पहले दिन विधानमंडल के संयुक्त सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण होगा। बजट सत्र के पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई जिसमें विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी दलों के नेताओं से सत्र के सुचारु संचालन के लिए सहयोग मांगा। सरकार की ओर से भी विपक्षी दलों से सहयोग मांगा गया।

विधानमंडल के बजट सत्र के काफी हंगामेदार होने की संभावना है। कानून व्यवस्था, महंगाई और कानपुर देहात में हाल में हुई मां-बेटी की जलकर हुई मौत के मामले को लेकर दोनों सदनों में हंगामा होने की संभावना है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से हाल में रामचरितमानस को लेकर की गई टिप्पणी का मामला भी दोनों सदनों में गूंज सकता है। हालांकि सरकार की ओर से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए कोई मुद्दा नहीं है।

राज्यपाल के अभिभाषण से होगी शुरुआत

विधानसभा सचिवालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 20 फरवरी से शुरू होने वाला बजट सत्र 10 मार्च तक चलेगा। बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा और विधानपरिषद के संयुक्त अधिवेशन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण होगा। अभिभाषण के दौरान राज्यपाल प्रदेश सरकार की उपलब्धियों और नीतियों का विस्तृत खाका पेश करेंगी। 21 फरवरी को निधन की सूचनाएं ली जाएंगी और शोक प्रस्ताव रखने के बाद विधानसभा की बैठक स्थगित हो जाएगी।

22 फरवरी को 11 बजे पेश किया जाएगा और उसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हो जाएगी। 24 फरवरी तक राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद 25 फरवरी से बजट पर चर्चा शुरू हो जाएगी। 1 मार्च तक सरकार की ओर से पेश किए गए बजट के प्रस्तावों पर चर्चा होगी। 10 मार्च तक चलने वाले सदन के दौरान 7 से 9 मार्च तक होली के उपलक्ष्य में अवकाश रहेगा।

प्रमुखता से उठेगा कानपुर देहात का मामला

इस बार का बजट सत्र काफी हंगामेदार होने की संभावना है। विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की कर ली है। समाजवादी पार्टी की ओर से पहले ही स्पष्ट कहा जा चुका है कि पार्टी की ओर से बजट सत्र के दौरान कानपुर देहात में हाल में हुई मां-बेटी की मौत के मामले को उठाया जाएगा। सपा नेताओं का कहना है कि पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए इस मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा की मांग की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि 13 फरवरी को कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत मंडोली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान मां-बेटी की जलकर हुई मौत का मामला इन दिनों सियासी रूप से खूब गरमाया हुआ है। मां-बेटी ने कथित तौर पर झोपड़ी में खुद को आग लगा दी थी। इस मामले में योगी सरकार की ओर से मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया गया है और कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

सपा ने बनाई सरकार को घेरने की रणनीति

विधानमंडल सत्र की शुरुआत से पहले सपा नेताओं ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही प्रदेश में कानून व्यवस्था और महंगाई का मुद्दा भी जोर शोर से उठाए जाने की संभावना है। बजट सत्र को लेकर रणनीति बनाने के लिए आज समाजवादी पार्टी के विधानमंडल दल की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में सपा नेता शिवपाल सिंह यादव भी मौजूद थे।

बैठक के बाद सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र की शुरुआत के बाद हम प्रदेश सरकार की नीतियों को लेकर लगातार विरोध और हंगामा करेंगे। उन्होंने कहा कि तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई है और हम राज्यपाल को भी अभिभाषण के दौरान नहीं बोलने देंगे।

सत्र की शुरुआत से पहले सर्वदलीय बैठक

इस बीच राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिए कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि कानपुर देहात के मामले में सरकार ने काफी तेजी से एक्शन लिया है और इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। राज्य के एक और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भी कहा है कि सरकार पूरी तरह पीड़ितों के साथ खड़ी है और इस मामले के दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।

बजट सत्र की शुरुआत से पहले आज सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया जिसमें विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और सरकार की ओर से दोनों सदनों के सुचारू संचालन के लिए विपक्ष की ओर से सहयोग मांगा गया। सरकार की ओर से भी कहा गया कि विपक्ष को सकारात्मक मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए और सदन के संचालन में मदद करनी चाहिए। वैसे विपक्ष के तेवर को देखते हुए सदन के हंगामेदार होने की संभावना है।

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