UP Election 2022: सपा ने झांसी जिले की तीन विधानसभा सीटों के प्रत्याशी तय किए, क्या कहता है सीटों का गणित
झांसी में आने वाले चार विधानसभा सीटों में से तीन पर पार्टी ने उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है। सपा ने बबीना ले यशपाल सिंह यादव, गरौठा से पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह औप मऊरानीपुर से तिलक चंद्र अहिरवार को अपना कैंडिडेट बनाया है।
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022. उत्तर प्रदेश में चुनाव की रणभेड़ी बज चुकी है। देश के सबसे बड़े सूबे में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों की तैयारियां जोरों पर है। इसी कड़ी में समाजवादी पार्टी ने बुंदेलखंड की राजनीति का केंद्र माने जाने वाले झांसी के विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है।
झांसी में आने वाले चार विधानसभा सीटों में से तीन पर पार्टी ने उम्मीदवारों को सिंबल दे दिया है। सपा ने बबीना ले यशपाल सिंह यादव, गरौठा से पूर्व विधायक दीप नारायण सिंह औप मऊरानीपुर से तिलक चंद्र अहिरवार को अपना कैंडिडेट बनाया है। वहीं झांसी सदर से प्रत्याशी की घोषणा होना बाकी है। तो आइए समझते हैं झांसी का चुनावी गणित
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बुंदेलखंड की सभी 19 सीटों को जीतकर क्लीन स्वीप किया था। भगवा दल ने बुंदेलखंड की राजधानी कही जाने वाली झांसी के चारों विधानसभा सीट पर आराम से जीत दर्ज की थी। दरअसल महारानी लक्ष्मीबाई की कर्मभूमि झांसी में सपा कभी उतनी मजबूत नहीं रही।
विशेषकर झांसी सदर यही जहां सपा कभी मुकाबले में भी नहीं आ सकी। 2012 के शानदार प्रदर्शन के दौरान भी सपा जिले में केवल दो सीटें ही जीत सकी थी। झांसी सदर में तो मुकाबले में ही नहीं थी। यही वजह है कि इस बार अखिलेश इस सीट पर काफी सोच विचारकर पार्टी सिंबल देना चाहते हैं। दरअसल शुरूआत में कांग्रेस का गढ़ होने के बाद ये बीजेपी के गढ़ में तब्दिल हो गई, हालांकि बीच में बसपा का प्रभाव जरूर बढ़ा। भाजपा के रविंदर शुक्ला यहां से चार बार जीतकर विधानसभा पहुंच चुके हैं।
झांसी की विधानसभा सीटों के पुराने परिणाम
झांसी नगर – 2017 में बीजेपी के रवि वर्मा ने बसपा के सीताराम कुशवाह को 55 हजार से अधिक मतों से हराया। 2012 में भी रवि शर्मा ने भाजपा के टिकट पर बसपा के सीताराम कुशवाह को करीब 8 हजार मतों से हराया था।
बबीना – झांसी की हाई प्रोफाइल मानी जानी वाली इस सीट से भाजपा के राजीव सिंह ने सपा के यशपाल सिंह को 16 हजार से अधिक मतों से हराया था। इस बार भी मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के करीबी माने जाने वाले राजीव सिंह यादव को बीजेपी ने टिकट दिया है। उनके सामने सपा के दिग्गज नेता चन्द्रपाल सिंह यादव के बेटे यशपाल सिंह यादव मैदान में होंगे। चन्द्रपाल को 2012 में भी बसपा के कृष्णपाल सिंह के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
गरौठा – 2017 के चुनाव में बीजेपी के जवाहर लाल राजपूत ने सपा के दीप सिंह यादव उर्फ दीपक यादव को 15 हजार से अधिक मतों से हराया था। हालांकि सपा ने एक बार फिर उनपर विश्वास जताते हुए उन्हें पार्टी सिंबल दिया है। दीप सिंह यादव इस सीट से दो बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि 2017 में हैट्रिक लगाने से चुक गए।
मऊरानीपुर – इस सीट पर 2017 में बीजेपी का कमल खिला था। बीजेपी प्रत्याशी बिहारी लाल आर्य ने सपा प्रत्याशी रश्मि आर्य को मात दी थी, जिन्होंने कुछ दिन पहले ही टिकट कटने की आशंका के कारण भाजपा ज्वाइन कर ली। सपा ने इस सीट से तिलक चंद्र अहिरवार को अपना सिंबल दिया है।
कुल मिलाकर 2017 में महारानी लक्ष्मीबाई के इस दुर्ग को क्लीन स्वीप करने वाली बीजेपी को सपा कितना टक्कर दे पाती है ये आने वाले चुनाव परिणाम बताएंगे।