UP Election 2022 : बेल्थरा रोड में असली मुकाबला भाजपा-सुभासपा के बीच

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भारतीय जनता पार्टी और ओमप्रकाश राजभर कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बीच बेल्थरा रोड विधानसभा सीट पर कड़े चुनावी मुकाबले के आसार दिखाई दे रहे हैं।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2022-02-19 13:22 GMT

प्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ। बलिया जिले की सात विधानसभा सीटों में एक मात्र रिज़र्व सीट है बेल्थरारोड। इस क्षेत्र से सभी दलों ने इस बार नए चेहरे पर दांव लगाया है। भाजपा, सपा - सुभासपा, बसपा और कांग्रेस, सभी ने नए चेहरे पर भरोसा जताया है। इस बार 13 प्रत्याशी चूँ मैदान में हैं लेकिन लोगों का कहना है कि मुकाबला सिर्फ भाजपा और सुभासपा के बीच है। वैसे यहाँ भाजपा, सुभासपा और बसपा प्रत्याशियों में एक ख़ास बात ये है कि वे सब पहले किसी अन्य दल की यात्रा कर चुके हैं।

भाजपा की तरफ से छ्ट्ठू राम चुनाव मैदान में हैं जो पहले बसपा में हुआ करते थे और एक बार पहले बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। सपा-सुभासपा गठबंध से ये सीट सुभासपा को मिली है जिसने हंसू राम को मैदान में उतारा है। हंसू राम सरकारी अधिकारी हुआ करते थे और रिटायरमेंट के बाद बसपा में शामिल हो गए थे। बाद में सुभासपा में आ गए। बसपा प्रत्याशी प्रवीण प्रकाश एक बार सुभासपा से यहां से चुनाव ल़ड़ चुके हैं। वहीं कांग्रेस से गीता गोयल चुनाव लड़ रही हैं।

वर्ष 2017 में भाजपा से विधायक रहे धनंजय कन्नौजिया और सपा के पूर्व विधायक गोरख पासवान जैसे चेहरे इस बार बाहर हैं। बेल्थरारोड विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा छह निर्दलीय प्रत्याशी हैं। बेल्थ रा रोड (सुरक्षित) विधानसभा सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्वो में आई थी। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर अब तक हुए दो चुनाव हुए हैं जिसमें एक बार सपा और एक बार भाजपा जीती है।

2012 के चुनाव में भाजपा इस सीट पर चौथे नंबर पर थी लेकिन 2017 में भाजपा प्रत्या0शी धनंजय कनौजिया को सुभासपा से गठबंधन और मोदी लहर का फायदा मिला और वह सपा प्रत्याेशी गोरख पासवान को 18 हजार से भी अधिक वोटों से हराने में कामयाब रहे थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा के गोरख पासवान ने बसपा के छत्तूग राम को हराया था। तीसरे नंबर पर रहे थे सुभासपा के प्रवीण प्रकाश जबकि भाजपा प्रत्याुशी सूर्य बली चौथे नंबर पर थे।

3 लाख 33 हजार मतदाताओं वाली बेल्थारा रोड विधानसभा सीट पर दलित और यादव वोटरों का वर्चस्व है। बेल्थरा रोड के निवासी ओमप्रकाश मिश्रा बताते हैं कि इस बार भाजपा के लिए मुकाबला बहुत कड़ा है। इसी क्षेत्र के सुरेंदर साहिल का कहना है कि लोगों के बीच बेरोजगारी और महंगाई सबसे बड़े मुद्दे हैं और भले ही कोई अन्य दल या प्रत्याशी पसंद न हो लेकिन नेगेटिव वोटिंग होने की पूरी संभावना है। दूसरी तरफ प्रेम चन्द्र गौड़ की राय है कि अन्य प्रत्याशियों की तुलना में भाजपा का प्रत्याशी सबसे मजबूत स्थिति में है। लोगों का कहना है कि सड़क-बिजली पहले की तुलना में बेहतर हैं लेकिन काम-धंधे कुछ भी नहीं हैं।

क्षेत्र में ढेरों गावों में बेरोजगारों की अच्छी खासी तादाद है। बेल्थरा रोड बलिया जिले के एकदम किनारे पर है और यहाँ से मऊ ज्यादा नजदीक पड़ता है। क्षेत्र के लोगों की एक पुरानी मांग बेल्थरा रोड को जिला बनाने की रही है। बेल्थरा रोड से जिला मुख्यालय बलिया की दूरी 65 किलोमीटर है। जबकि बेल्थरारोड से देवरिया की दूरी 40 और मऊ की दूरी 45 किलोमीटर है। बेल्थरा रोड विधानसभा क्षेत्र सलेमपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

चुनावी इतिहास

बेल्थरा रोड का नाम पहले कभी सीयर हुआ करता था और ये इस क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार था। इस क्षेत्र में बड़ी तादाद में लोग अन्य राज्यों, खासकर मुम्बई में कामकाज करते हैं जिसका प्रभाव यहाँ दिखाई पड़ता है। इस क्षेत्र में कोई उद्योग आदि नहीं हैं और पूरी अर्थव्यवस्था पारंपरिक खेती-किसानी पर टिकी हुई है। साल 2008 के परिसीमन से पहले ये विधानसभा सीट सामान्य सीट हुआ करती थी और इस विधानसभा क्षेत्र का नाम पहले सीयर हुआ करता था।

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता शारदानंद अंचल इस विधानसभा सीट से कई दफे विधायक रहे। 1962 में कांग्रेस के मांधाता सिंह, 1967 में सोशलिस्ट पार्टी के शिवपाल यादव, 1969 और 1980 में निर्दलीय बब्बन सिंह, 1974 और 1977 में कांग्रेस के रफीउल्ला विधायक इसी सीट से चुने गए थे। 1985 में लोक दल और 1989 में जनता दल, 1993 और 2002 में सपा के टिकट पर शारदा नंद अंचल विधानसभा पहुंचे। 1996 में भारतीय जनता पार्टी के हरिनारायण राजभर और 2007 में बहुजन समाज पार्टी के केदार वर्मा विधानसभा पहुंचे।

Tags:    

Similar News