अखिलेश यादव के बयान पर साधु-संतों में भी नाराज़गी, जानिए क्या है मामला

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक बार फिर पाकिस्तान चर्चा का विषय बना हुआ है। जिस पर साधु संतों ने भी अखिलेश यादव से नाराजगी जताई है।

Published By :  Bishwajeet Kumar
Written By :  Syed Raza
Update:2022-01-25 20:59 IST

शिव योगी मोनी महाराज

प्रयागराज: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के पाकिस्तान (Pakistan) को बड़ा दुश्मन ना मानने वाले बयान पर जहां एक तरफ सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। तो वहीं अखिलेश यादव के बयान को लेकर साधु संतो में भी नाराजगी है। संगम नगरी प्रयागराज माघ मेले (Magh Mela) में पहुंचे संतों ने अखिलेश यादव के इस बयान की कड़ी निंदा की है। संतो ने कहा है कि अखिलेश यादव का यह बयान बेहद हास्यास्पद है। यह बयान उनकी पराजय का सबसे बड़ा कारण बनेगा। इतना ही नहीं संतों ने उनके इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि अखिलेश यादव का यह बयान पहली बार नहीं है, बल्कि इसके पहले भी उनका पाकिस्तान प्रेम दिख चुका है। संतो ने अखिलेश यादव को नसीहत दी है कि वह पाकिस्तान में एक घर खरीद लें।वहीं पर रहे, य़ह उनके लिए बेहतर रहेगा। पिछले दिनों जिन्ना को आजादी का नायक बताने वाले बयान पर भी संतों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि उन्हें जिन्ना की मूर्ति अपने घर में बनाकर रख लेनी चाहिए। और जिन्ना की आरती करें।

संगम नगरी माघ मेले में पहुंचे शिव योगी मोनी महाराज (Moni Maharaj) ने कहा है कि अखिलेश के इसी बयानों की वजह से उन्हें मुल्ला मुलायम का पुत्र कहा जाता है। ऐसे में उनका यह बयान आने वाले दिनों में उनकी हार का एक सबसे बड़ी वजह भी बनेगा और संत समाज ऐसे बयान को कतई भी बर्दाश्त नहीं करेंगे। मौनी महाराज ने कहा कि उन्होंने यह बयान देकर मुस्लिम वोटों की तुष्टिकरण करने की कोशिश की है। लेकिन उनका यह मकसद कभी भी कामयाब नहीं हो पाएगा।

गौरतलब है कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा है कि पाकिस्तान से भारत का बड़ा दुश्मन नहीं है, बल्कि चीन सबसे बड़ा दुश्मन है। जिसके बाद उनके इस बयान की तीखी आलोचना हुई। वहीं अब संतों में भी अखिलेश यादव के बयान को लेकर नाराजगी देखने को मिल रही है। हालांकि चुनावी मौसम में अखिलेश यादव का यह बयान आने वाले चुनाव में उनको राहत देता है या फिर मुसीबत है यह तो प्रदेश की जनता तय करेगी।

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