PF घोटाले में दो सीए गिरफ्तार, फर्जी फर्मों के जरिए ट्रांसफर किया पैसा
उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों के पीएफ घोटाला मामले में दो गिरफ्तारियां हुई हैं। अब इस बड़े घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शुक्रवार को दो चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को गिरफ्तार किया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों के पीएफ घोटाला मामले में दो गिरफ्तारियां हुई हैं। अब इस बड़े घोटाले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शुक्रवार को दो चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को गिरफ्तार किया है। ईओडब्ल्यू ने यूपीपीसीएल के पीएफ घोटाले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें डीएचएफएल के पूर्व रीजनल सेल्स मैनेजर अमित प्रकाश भी शामिल हैं।
भविष्य निधि घोटाले के मामले में गरिफ्तार किए गए दोनों सीए की भूमिका ब्रोकर फर्म के जरिये कमीशन की रकम ठिकाने लगवाने में सामने आई है। दोनों सीए आरोपित सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता के बेटे अभिनव गुप्ता के से जुड़े थे।
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ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया है फर्जी ब्रोकर फर्म बनाने वाले सभी सीए वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे। इन्होंने कमिशन की रकम को ही फर्जी फर्मों के जरिए ट्रांसफर किया। इनके द्वारा पैसा भेजने और आने के आखिरी जरिए के रूप में अभिनव गुप्ता का नाम सामने आया है। इस मामले में कुछ और सीए की भी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।
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डीजी ईओडब्ल्यू डॉ आरपी सिंह के मुताबिक जांच में सबूत मिलने पर ईओडब्ल्यू ने सीए इशांत अग्रवाल व मनोज गोयल को गिरफ्तार किया है। कुछ अन्य आरोपितों की भूमिका की भी जांच हो रही है। पीएफ घोटाले में ईओडब्ल्यू इससे पूर्व कुल 12 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें सीए श्याम अग्रवाल भी शामिल हैं। अब आरोपितों की संख्या 14 हो गई है, जिनमें तीन सीए शामिल हैं।
बता दें कि 4122.70 करोड़ के भविष्य निधि घोटाले में हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। शासन के आदेश पर इस मुकदमे की विवेचना ईओडब्ल्यू की रही है। डीजी ईओडब्ल्यू के स्तर से प्रकरण में चल रही विवेचना की लगातार निगरानी की जा रही है। ईओडब्ल्यू ब्रोकर फर्मों से जुड़े कई बैंक खातों की भी पड़ताल कर रही है।
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इस मामले में पूर्व एमडी एपी मिश्र, निदेशक वित्त सुधांशु कुमार त्रिवेदी, सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता समेत अब 12 लोगों गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में सबसे पहले निदेशक और सचिव की गिरफ्तारी हुई थी।