Lucknow: वार्षिक अधिवेशन में बोले सुरेश खन्ना, 'तकनीकी व्यवस्था से पारदर्शी हुई व्यवस्था'
Lucknow News: वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा "किसी भी देश या प्रदेश सरकार एवं संगठन के संचालन में वित्तीय प्रबंधन एवं अनुशासन का बहुत महत्व होता है।"
Lucknow News: "किसी भी देश (Central Government) या प्रदेश सरकार (state government) एवं संगठन के संचालन में वित्तीय प्रबंधन एवं अनुशासन का बहुत महत्व होता है। अतः इसका प्रबंधन करने वाले कार्मिक संस्था की रीढ़ होते हैं। ऐसे महत्वपूर्ण दायित्व के कारण वित्त सेवा के अधिकारियों की भूमिका बहुत संवेदनशील हो जाती है।" ये बातें वित्त मंत्री सुरेश खन्ना (Finance Minister Suresh Khanna) ने शुक्रवार को इंदिरा नगर स्थित उत्तर प्रदेश वित्तीय प्रबंधन प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में यूपी वित्त एवं लेखा सेवा संघ के वार्षिक अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि कही।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में वित्त सेवा ने अपने दायित्वों का भली-भांति निर्वहन किया है। मैनुअल व्यवस्था के स्थान पर तकनीकी व्यवस्था को अपनाकर ई-पेमेन्ट, ई-कुबेर, ई-पेन्शन एवं विभिन्न साफ्टवेयर के माध्यम से जनोपयोगी एवं पारदर्शी व्यवस्था को मजबूती प्रदान की है।
"सबका साथ सबका विकास"
वित्त मंत्री ने वित्त एवं लेखा के कार्मिकों से अपेक्षा की कि बजट अनुमान तैयार करने में, आय-व्यय सम्बन्धी आंकड़ों के संकलन एवं पेन्शन प्रकरणों के निस्तारण जैसे दायित्वों के निर्वहन में प्रदेश की आम जनता के हितों को प्राथमिकता देते हुए सरकार के "सबका साथ सबका विकास" की अवधारणा एवं लक्ष्य की पूर्ति में अपनी और अधिक प्रभावी भूमिका निभायें। कोरोना काल में वित्त सेवा के अधिकारियों ने लाभार्थियों एवं आम जनमानस के हितों की सुरक्षा के लिए प्रशंसनीय कार्य किया और सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
'वन ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए अभी बहुत कुछ करना'
सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि वर्तमान बदलती हुई परिस्थिति में प्रदेश की अर्थव्यवस्था (State's economy) को वन ट्रिलियन इकोनामी बनाने के लिए और डिजिटल इण्डिया से समन्वय स्थापित करते हुए प्रदेश की वित्तीय व्यवस्था को और जनोपयोगी एवं तीव्र बनाने के लिए वित्त सेवा के अधिकारियों को अभी बहुत कुछ करना है। उन्होंने कहा कि वित्त सेवा के अधिकारी अपनी पूरी सत्यनिष्ठा से कार्य करते हुए अपने तैनाती के विभागों, कार्यालयों में वित्तीय प्रबंधन एवं वित्तीय अनुशासन की दिशा में गम्भीर प्रयास करें। ताकि हम विभिन्न चुनौतियों का सफलतापूर्वक मुकाबला करते हुए प्रदेश के विकास को एक नई ऊँचाई पर ले जा सकें।