योगी सरकार फैसले से हटी पीछे, मजदूरों के लिए किया ये बदलाव

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 8 मई को श्रम विभाग की ओर से एक अधिसूचना जारी की थी, जिसके मुताबिक़ रजिस्टर्ड कारखानों में श्रमिकों के काम करने के समय (Working Hours) को बढ़ा दिया गया था।

Update: 2020-05-15 17:43 GMT

लखनऊ: लॉकडाउन के बीच श्रमिकों को रोजगार देने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने श्रम कानून में कुछ बदलाव किये थे लेकिन काफी आलोचना के बाद सरकार ने अपना फैसला निरस्त कर दिया। इसके तहत अब श्रमिक 12 की जगह पुनः 8 घंटे ही काम करेंगे।

12 घंटे तक काम करने की अधिसूचना

दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 8 मई को श्रम विभाग की ओर से एक अधिसूचना जारी की थी, जिसके मुताबिक़ रजिस्टर्ड कारखानों में श्रमिकों के काम करने के समय (Working Hours) को बढ़ा दिया गया था। इस बदलाव के बाद कारखाने में युवा श्रमिकोें के लिए एक दिन में 12 घंटे और एक हफ्ते में 72 घंटे से अधिक काम नहीं लिया जा सकता था।

बदलाव का विरोधी, अधिसूचना के खिलाफ याचिका दाखिल

इस फैसले को लेकर सरकार की काफी आलोचना हुई। स्वयं सेवक संघ (RSS) के भारतीय मजदूर संघ ने इस बदलाव को मजदूर विरोधी बताते हुए कहा कि ये अंतरराष्ट्रीय अधिकारों का उल्लंघन है। मांग की गयी कि सरकार इस फैसले को वापस ले। इतना ही नहीं सरकार की अधिसूचना के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गयी, जिस सुनवाई 18 मई को होनी है।

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सरकार ने बदला श्रम विभाग के तहत बदलाव पर फैसला

हालांकि सरकार ने अब किये गए बदलावों को वापस ले लिया है। अब एक दिन में अधिकतम आठ घंटे और एक हफ्ते में 48 घंटे काम कराने का पुराना नियम फिर से लागू हो जाएगा। इसके अलावा आठ घंटे से ज्यादा काम कराने पर फैक्ट्री मालिक मजदूर को ओवर टाइम का भुगतान भी करेगा।

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