UP News: यूपी के सरकारी आंकड़ों में आपदा से 10 महीने में 2,375 मौत, लेकिन ठंड से एक भी नही हुई
UP News: कानपुर के कार्डियोलोजी में जनवरी माह में महज 10 दिनों में 125 मौतें हार्ट और ब्रेन स्टोक से हुई हैं। जिनकी मुख्य वजह ठंड बनी हैं।
UP News: शाहजहांपुर के ढुकरी बुजुर्ग गांव में 8 जनवरी को 48 साल की महिला की मौत हो गई। सुबह पता चला की वो पूरी रात पुआल पर ठिठुरते हुए मर गई, क्योंकि ओढ़ने के लिए रजाई नही थी। पति गंगाराम के पास अंतिम संस्कार करने तक के पैसे नही थे। लेकिन प्रशासन ने इस महिला के मौत की वजह न तो ठंड से होना माना न ही कोई सरकारी सहायता दी। प्रदेश भर में हुई ऐसी ही सैकड़ों मौतें सरकारी आंकड़ों से बाहर हैं।
कानपुर के लक्ष्मीपत सिंघानिया इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलोजी एंड सर्जरी की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी के महज 10 दिनों में 125 मौतें हार्ट और ब्रेन स्टोक से हुई हैं, जो ठंड की वजह से हुई हैं। इनमें 54 मरीजों ने इलाज के दौरान जबकि 71 ने इलाज से पहले ही दम तोड़ दिया। दिसंबर, जनवरी की कड़कड़ाती सर्दी ने हर जिले में इसी तरह जानें ली। लेकिन इन्हें सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया। आपदा एवं राहत आयुक्त कार्यालय ने पिछले साल 1 अप्रैल से 18 जनवरी के बीच प्रदेश भर में 2375 मौतें आपदा की वजह से दर्ज की हैं। लेकिन इनमें एक भी मौत को ठंड से होना नही दर्ज किया गया है।
कंबल और अलाव के लिए 40 करोड़
सूत्रों का कहना है की राहत आयुक्त कार्यालय की तरफ से 40 करोड़ रुपए जिलों को केवल ठंड से बचाव का इंतजाम करने के लिए जारी किए गए हैं। इस भारी भरकम बजट का सही इस्तेमाल किया गया, यह साबित करने के लिए किसी भी डीएम ने अपने जिले में ठंड मौत होने की रिपोर्ट ही नहीं दी। दरअसल पोस्टमार्टम में मौत की वजह ठंड लगना नही बल्कि ठंड लगने से पैदा हुई दूसरी दिक्कतें ही सामने आती हैं। इसका फायदा उठाकर अधिकारी अपनी गर्दन बचा ले गए।
सरकारी आंकड़े में आपदा से मौतों का रिकॉर्ड
बाढ़ में 11
अग्निकांड में 46
चक्रवात में 2
कीट आक्रमण में 2
बेमौसम बारिश में 176
आकाशीय बिजली से 293
आंधी, तूफान में 69
नाव दुर्घटना में 34
सर्पदंश से 670
सीवर सफाई, गैस रिसाव में 9
बोरवेल में गिरने से 7
वन्य जीव हमले में 25
नदी, नालों में डूबने से 1031
(आंकड़े 1 अप्रैल 2022 से 18 जनवरी, 2023 तक)
ठंड से बचाव के लिए जारी बजट का हिसाब
710391 कंबल खरीदे गए
1228 रैन बसेरे बनाए गए
18845 जगह अलाव जलाए जा रहे
राहत आयुक्त प्रभु नारायण सिंह का कहना है कि मौतों का रिकॉर्ड जिलों से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया जाता है।किसी भी जिले से अब तक ठंड से मौत होने की रिपोर्ट नही मिली है।