इस सरकारी कर्मचारी ने छोड़ा MLA-MLC को पीछे, कोरोना के खिलाफ उठाया ये कदम

सरकारी नौकरी को ज्यादा साल भी नही गुजरे हैं, उम्र भी 30 के करीब है। कोरोना वायरस से भयावह होती देश की तस्वीर से दिल पिघला तो एक महीने की तनख्वाह ही मदद को दे दी। जिले में राहुल गुप्त ऐसे पहले सरकारी कर्मचारी बन गए हैं जो मदद को आगे आये हैं

Update:2020-03-26 21:56 IST

कन्नौज: सरकारी नौकरी को ज्यादा साल भी नही गुजरे हैं, उम्र भी 30 के करीब है। कोरोना वायरस से भयावह होती देश की तस्वीर से दिल पिघला तो एक महीने की तनख्वाह ही मदद को दे दी। जिले में राहुल गुप्त ऐसे पहले सरकारी कर्मचारी बन गए हैं जो मदद को आगे आये हैं।

दे दी महीनेभर की तनख्वाह, मदद करने में राहुल बने पहले सरकारी कर्मी

उत्तर प्रदेश के कन्नौज सदर तहसील क्षेत्र में तैनात लेखपाल शिवम उर्फ राहुल गुप्त मूलरूप से तिर्वागंज के निवासी हैं। करीब एक महीने पहले ही वह दाम्पत्य जीवन में बंधे हैं। लेखपाल पद पर नौकरी भी करते हुए करीब तीन-चार साल हुए होंगे। गुरुवार को उन्होंने तहसील तिर्वा पहुंचकर एसडीएम जयकरन को अपने एक महीने के वेतन से "जिलाधिकारी कन्नौज" (दैवीय आपदा) के नाम की चेक सौंपी।

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28,946 रुपए की चेक को देशहित में देने की बात कही गई। राहुल दूसरे अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए नजीर भी हैं। जिले में अब तक किसी भी सरकारी व कर्मचारियों ने इस तरह की पहल नहीं की है। राहुल मदद करने के मामले में जिले के पहले सरकारी कर्मचारी बने हैं।

छात्राओं से घर में रहने की अपील

वहीं राजकीय महिला महाविद्यालय बांगर की शिक्षिका सुमन शुक्ला ने सभी छात्राओं से इन दिनों घर में रहने की अपील की है। परिवार को भी घर में रहने के लिए प्रेरित करने और कानपुर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के लिए परेशान न होने की अपील की है। बेहतर ढंग से सफाई रखने की बात भी कही है।

भूख से परेशान लोगों को खिलाया भोजन

महामारी को लेकर हुए लॉकडाउन के बाद महानगरों में फंसे लोग अब भी अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। सख्ती के चलते वाहनों की आवाजाही पर लगी पाबंदी के कारण अब परेशान लोग पैदल ही अपने घरों के लिए रवाना हो रहे हैं। वह परिवार के साथ पैदल ही सफर कर रहे हैं। दिल्ली से गोंडा जा रहे ऐसे ही भूख-प्यास से परेशान 22 लोगों की शहर के लोगों ने खाने-पीने की व्यवस्था की।

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दिल्ली से पैदल चलकर गोंडा जा रहे परिवार

देश में कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के बाद रेल व बस सेवाओं के पूरी तरह बंद होने से दूसरे प्रांतों में फंसे लोग अब अपने घरों तक पहुंचने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं। बुधवार की देर रात छिबरामऊ के पश्चिमी बाईपास पर पहुंचे 22 लोग दिल्ली से पैदल चलकर गोंडा जा रहे थे। उन लोगों ने बताया कि पिछले दो दिनों से उन्हें कुछ भी खाने-पीने को नहीं मिला है और न ही कोई वाहन की व्यवस्था हुई है। ऐसे में वह लोग मजबूरन पैदल ही सफर तय कर रहे हैं।

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लॉक डाउन का समर्थन ही नहीं सहयोग भी कर रहे नागरिक

दिल्ली से गोंडा तक की दूरी 600 किलोमीटर से ज्यादा है। जब शहर के कुछ लोगों ने उनकी परेशानी देखी तो पहले स्थानीय प्रशासन को अवगत कराया और फिर उन भूखे-प्यासे राहगीरों की खाने-पीने की व्यवस्था की। इस दौरान राहगीरों की अनुराग तिवारी के साथ गौरव उर्फ अमर त्रिपाठी, डॉ.अभिजीत सक्सेना, नदीम जमाँ खान, राहुल गुप्ता आदि लोगों के साथ कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शैलेन्द्र मिश्र व पुलिस फोर्स मौजूद रहा।

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