Mukhtar Ansari: गाजीपुर के अंसारी परिवार का राजनीतिक वजूद खत्म, मुख्तार के परिवार का रहा है गौरवशाली इतिहास
Mukhtar Ansari: मुख्तार अंसारी के चाचा देश के पूर्व उपराष्ट्रपति, दादा स्वतंत्रता सेनानी और नाना ने देश के लिए शहादत दी। ऐसे गौरवशाली परिवार की प्रतिष्ठा पर मुख्तार अंसारी ने धब्बा लगा दिया।
Mukhtar Ansari: भारत में एक कहावत है कि तीसरी पीढ़ी 'कंडौर' पैदा होती है। कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है गाजीपुर के गौरवशाली अंसारी परिवार में। एक ऐसा परिवार जिसने देश को स्वतंत्रता सेनानी, मातृभूमि के लिए जान गंवाने वाला वीर और उपराष्ट्रपति दिया। इस परिवार से समाजसेवी भी निकले। दशकों तक जनता ने सिर-आंखों पर बिठाये रखा, आज वही परिवार एक पीढ़ी के कुकर्मों की न केवल सजा भुगत रहा है बल्कि परिवार की साख पर भी बट्टा लग गया है। पूर्वांचल के जिस परिवार को लोग इज्जत से देखते थे, उसी की एक पीढ़ी की करतूत की वजह से आज लोग उसे माफिया के परिवार के तौर पर जानते हैं।
गाजीपुर के गौरवशाली इतिहास वाला अंसारी परिवार का राजनैतिक वजूद अब खत्म होने की कगार पर है। इसकी वजह सिर्फ मुख्तार अंसारी है, जिसने परिवार की लीक से हटकर क्राइम का रास्ता चुना, नतीजन आज पूरा परिवार जेल में है और जो बाहर हैं, वे भागे-भागे फिर रहे हैं। मुख्तार को पहले ही चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया जा चुका है। अब गैंगस्टर एक्ट में अफजाल अंसारी को भी सजा सुनाई गई है, वह भी जेल में हैं। विधायक बेटा अब्बास और उसकी पत्नी पहले से ही जेल में हैं। मुख्तार की पत्नी अफशां फरार चल रही है। पुलिस ने उस पर ईनामी रकम बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी है। इसी के साथ चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि अब अंसारी परिवार का राजनीतिक वजूद खत्म होता नजर आ रहा है। मुख्तार के चचेरे भाई सिगबतुल्लाह अंसारी भी विधायक रह चुके हैं।
मुख्तार-अफजाल का है लंबा राजनीतक करियर
1996 में मुख्तार अंसारी पहली बार मऊ से विधायक बना। वह लगातार पांच बार विधायक चुना गया। मुख्तार के भाई अफजाल की भी गिनती प्रदेश के बड़े नेताओं में होती है। गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से वह पांच बार विधायक और दो बार सांसद चुना गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार मनोज सिन्हा को हराया था। इतना ही नहीं मुख्तार का बेटा अब्बास भी वर्तमान में मऊ से सुभासपा का विधायक है। मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार अब्बास अंसारी शॉट गन शूटिंग का इंटरनेशनल खिलाड़ी है। दुनिया के टॉप टेन निशानेबाजों में उसका शुमार होता है। वह नेशनल चैम्पियन भी रह चुका है। अब तक कई पदक भी जीते हैं।
दादा स्वतंत्रता सेनानी, चाचा उपराष्ट्रपति
आज जिस गाजीपुर के अंसारी परिवार का राजनीतिक वजूद खत्म होने के कगार पर है। आजादी के बाद से इस परिवार का गौरवशाली इतिहास रहा है। यूनाइटेड किंग्डम से डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले मुख्तार के दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी 1926-27 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। उस दौरान उन्होंने देश की आजादी में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वह जामिया विश्वविद्यालय के फाउंडर मेंम्बर भी थे। मुख्तार के नाना उस्मान सेना में ब्रिगेडियर थे। 1948 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ते हुए वह कश्मीर के नौशेरा में शदीद हुए थे। मरणोपरांत उन्हें महावीर चक्र से नवाजा गया था। मुख्तार के पिता शुभाउल्लाह अंसारी बड़े स्थानीय समाजसेवियों में शुमार रहे। मुख्तार के चाचा हामिद अंसारी देश के उपराष्ट्रपति रह चुके हैं।
पूर्वांचल में बोलती थी तूती
पूर्वांचल में माफिया मुख्तार अंसारी की तूती बोलती थी। पहले जो लोग सम्मान में सिर झुकाते थे, बीते कई वर्षों से वह खौफ के कारण अदब करते थे। योगी सरकार जब से सत्ता में माफिया को मिट्टी में मिलाने का दावा कर रही है। प्रदेश के माफियाओं पर लगातार एक्शन हो रहा है। उनकी अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चल रहा है। गुंडे-बदमाश सलाखों के पीछे हैं। यूपी पुलिस का दावा है कि बिना कोई जाति-धर्म देखे प्रदेश में अब तक गुंडे-बदमाशों की करीब तीन हजार करोड़ की अवैध संपत्ति जब्त की जा चुकी है। यह प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी।