UP में नगर निकाय चुनाव की तैयारी शुरू, इस बार होगी अलग तस्वीर, चुनाव से पहले होगा बड़ा बदलाव!
Municipal Elections: निकाय चुनाव की घोषणा से पहले योगी सरकार सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत का सर्वे करा रही है। जिसके सीमा विस्तार वाले क्षेत्रों में वार्ड का गठन हो सके।
UP Municipal Elections 2022: विधानसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अब निकाय चुनाव (Municipal Elections) की तैयारियां शुरू हो गई है। सूबे में अक्टूबर-नवंबर महीने तक निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं। निकाय चुनाव की घोषणा से पहले योगी सरकार (Yogi Government) सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत का सर्वे करा रही है। जिसके सीमा विस्तार वाले क्षेत्रों में वार्ड का गठन हो सके। लेकिन उससे पहले जमीनी हकीकत जानने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अपने मंत्रियों को क्षेत्र में उतार दिया है। इसके लिए उन्होंने एक कैबिनेट मंत्री के साथ एक स्वतंत्र प्रभार और राज्य मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी थी।
तीन दिन तक मंत्री अलग-अलग जिलों के दौरे पर रहे वहां आम लोगों से मुलाकात की और अधिकारियों के सामने उनकी समस्याओं को सुना। इस आधार पर मंत्रियों ने एक रिपोर्ट तैयार की थी। मंत्रियों से मिले फीडवैक के आधार पर सीएम योगी आगे की रणनीति तय करेंगे। कहा तो यह भी जा रहा है कि कई जिलों से अधिकारियों की शिकायतें मिली हैं। यह रिपोर्ट सीएम को मिलने के बाद उन अफसरों पर गाज गिरनी तय है।
नगर निकाय चुनाव के लिए परिसीमन का कार्य शुरू
वहीं सरकार से आदेश मिलने के बाद नगर निकाय चुनाव के लिए परिसीमन का कार्य भी शुरू हो चुका है। 56 जिलों के 151 निकायों में परिसीमन होगा। जिसमें एक नगर निगम और दो नगर पालिका परिषद शामिल हैं। साथ ही सीमा विस्तार में 9 नगर निगम, 21 नगर पालिका और 35 नगर पंचायत हैं। नए परिसीमन के बाद यहां सीमा विस्तार का कार्य पूरा होगा और फिर नए वार्ड बनेंगे। यह कार्य पूरे होने पर यहां निकाय के चुनाव कराएं जाएंगे।
विधानसभा चुनाव से पहले हुए पंचायत चुनाव में यहां वोटिंग नहीं हुई थी क्योंकि इसे पहले ही निकायों में शामिल कर लिया गया था। जहां विकास के कार्य भी शुरू हो चुके हैं। निकाय चुनाव से पहले होने वाले नए परिसीमन 2011 की जनगणना के अनुसार ही होगा। पहले कहा गया था नई जनगणना के आधार पर वार्डों का गठन होगा। लेकिन 2021 में जनगणना नहीं होने के बाद अब 2011 को ही परिसीमने के लिए आधार बनाकर इसका गठन किया जाएगा।
परिसीमन वाले 56 जिले
योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में कई जिलों के नगर निकायों का दायरा बढ़ा दिया था। यहां नगर निगम, नगर पालिया और नगर पंचायत के क्षेत्र फल बढाए गए हैं। इसी आधार पर अब यहां परिसीमन कराकर नए वार्डों का गठन होगा। उसके बाद यहां पहली बार निकाय के चुनाव होंगे।
जिस जिलों में परिसीमन होगा उसमें राजधानी लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, देवरिया, जालौन, ललितपुर, शाहजहांपुर, बदायूं, पीलीभीत, बस्ती, कुशीनगर, कानपुर देहात, कन्नौज, फर्रुखाबाद, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, बागपत, बुलंदशहर, संतरविदास नगर, सोनभद्र, बांदा, महोबा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सहारनपुर, बहराइच, बलरामपुर, जौनपुर, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अयोध्या, आंबेडकरनगर, अमेठी, बलिया, मऊ, मथुरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, आगरा, एटा, हाथरस, अलीगढ़, कुशीनगर, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव और लखीमपुर खीरी हैं।
लखनऊ नगर निगम में 88 गांव शामिल
सीमा विस्तार में लखनऊ नगर निगम में 88 गांवों को शामिल किया गया है। इससे इसके सीमा का लंबा विस्तार हुआ है। पहले नगर निगम का क्षेत्रफल 310 वर्ग किलोमीटर का था अब यह बढ़कर 586 वर्ग मीटर हो गया है। इससे पहले वर्ष 1959 में पहले बार नगर निगम क्षेत्र का विस्तार किया गया था। उस वक्त 42 गांवों इसमें जोड़ा गया था। इसके बाद दोबारा 1987 में इसका विस्तार किया गया और 82 नए गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया था। अभी शामिल किए कुल गांवों की आबाजी 269464 आंकी गई है।
इस क्षेत्र के 88 गांव शामिल
सुल्तानपुर रोड से 14 गांव, रायबरेली रोड के सात गांव, कानपुर रोड के आठ गांव, सीतापुर रोड के 15 गांव, कुर्सी रोड के 10 गांव, फैजाबाद रोड के 20 गांव, हरदोई रोड के छह गांव और मोहान रोड के दो गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया है।
उत्तर दिशा के गांव- गुडम्बा, बरखुरदारपुर, आधार खेड़ा, बसहा, दसौली, रसूलपुर सादात, मोहम्मदपुर मजरा, नौबस्ता कलां, गोयला, धावा, जेहटा, सैथा, अलीनगर, नरहरपुर, घैला, अल्लूनगर डिगुरिया, ककौली, मुतक्कीपुर, रायपुर, भिठौली खुर्द, मोहिउद्दीनपुर, खरगपुर जागीर, तिवारीपुर, मिर्जापुर, सैदपुर जागीर, रसूलपुर कायस्थ, अजनहर कलां और मिश्रपुर शामिल हैं।
दक्षिण दिशा के गांव- अमौसी, बिजनौर, नटकुर, मीरानपुर पिनवट, बिरूरा, हरिकंश गढ़ी, पुरसेनी, कल्ली पश्चिम, अलीनगर खुर्द, अशरफ नगर, रसूलपुर इठुरिया, और अनौरा शामिल हैं।
पूरब दिशा के गांव- मलेसेमऊ, बाघामऊ, मस्तेमऊ, अरदौना मऊ, सरसवां, अहमामऊ, चककंजेहरा, माढरमऊ खुर्द, माढरमऊ कलां, हसनपुर खेवली, यूसुफनगर, हरिहरपुर, देवामऊ, मुजफ्फुरनगर, घुसवल, निजामपुर मझिगवां, सोनई कजेहरा, बरौना, सेवई, बरौली खलीलाबाद , मलाक, घुसवलकलां, उत्तर धौना, गणेशपुर रहमानपुर, सेमरा, शाहपुर, सराय शेख, टेराखास, लौलाई, निजामपुर मल्हौर, हासेमऊ, भरवारा, लोनापुर, चंदियामऊ, भैसोरा, खरगापुर, हुसेडिय़ा, मकदूमपुर,
पश्चिम दिशा के गांव- सिकरोरी, लालनगर, महिपतमऊ, सरायप्रेमराज कलिया खेड़ा, अलीनगर सुनहरा, सदरौना, सरोसा भरोसा, नरौना, सलेमपुर पतौरा, मौरा ग्राम को शामिल किया गया है।
इस बार 17 नगर निगम में चुनाव
योगी सरकार के सत्ता में आने से पहले यूपी में साल 2017 में 16 नगर निगम, 198 पालिका परिषद, 438 नगर पंचायत थीं, लेकिन इस बार परिसीमन, आबादी, जातिवार जनसंख्या बदलने से 17 नगर निगम, 200 पालिका परिषद, 517 नगर पंचायत हो गई हैं. नए गठित नगर निकायों में वार्डों के गठन, परिसीमन, सीटों के आरक्षण पर हो रहा मंथन चल रहा है.
यूपी के कुल 17 नगर निगम
सहारनपुर, मेरठ , गाजियाबाद, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, कानपुर नगर, झांसी, प्रयागराज, लखनऊ, अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, शाहजहांपुर शामिल हैं। शाहजहांपुर में पहली बार नगर निगम के लिए वोट डाले जाएंगे।
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