माया का ‘मोह’ खत्म, महज 15 माह में ही ‘आकाश’ के सितारे जमीन पर

Mayawati Vs Akash Anand: लोकसभा चुनाव से पहले मायावती ने आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर सभी को चौंका दिया। पार्टी में उनका कद भी बढ़ाया।;

Update:2025-03-04 13:02 IST

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Mayawati Vs Akash Anand: बहुजन समाज पार्टी में इन दिनों उथल-पुथल चल रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती फुल एक्शन मोड में हैं। उन्होंने बीते दिनों अपनी भतीजे आकाश आनंद को पहले पार्टी के सभी पदों से हटाया और फिर पार्टी से ही बेदखल कर दिया। आकाष आनंद के सियासी करियर का ग्राफ जितनी तेजी से ‘आकाश’ तक पहुंचा था। उससे भी दुगनी तेजी से जमीन पर गिर गया है।

मायावती ने बेहद कम समय में अपने भतीजे के सियासी करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया था। लोकसभा चुनाव 2024 से कुछ समय पहले 10 दिसंबर 2023 को बसपा अध्यक्ष मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। इस ऐलान के बाद आकाशकहीं न कहीं मायावती के कद के करीब तक पहुंच गये थे। हालांकि बाद में आकाश के सियासी करियर में काफी उतार-चढ़ाव आने लगा और अब बात यहां तक आ गयी कि वह बसपा का हिस्सा भी नहीं रह गये हैं।

मायावती का भतीजे से ‘मोह’ भंग हो गया। हालांकि उन्होंने भतीजे पर गुस्से की आग की लपटें अपने भाई आनंद कुमार तक नहीं पहुंचने दी। बल्कि उन्होंने अपने भाई आनंद कुमार का पार्टी में कद और बढ़ा दिया है। बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनंद कुमार को मायावती ने नेशनल कोऑर्डिनेटर का जिम्मा भी सौंप दिया है। बसपा अध्यक्ष ने भतीजे से बैर का भाई के रिश्ते पर असर नहीं पड़ने दिया।

मायावती ने नाराजगी की वजह भतीजे आकाश आनंद के ससुरालपक्ष को बताया। उन्होंने कहा कि ससुर डॉक्टर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण आकाश आनंद को सभी पदों से हटाया गया है। साथ ही यह भी कहा कि पछतावे और राजनीतिक मैच्युरिटी की जगह उनके ससुर का स्वार्थी और अहंकारी असर दिखा। ऐसे में उन्हें उनके ससुर की तरह व्यवहार करने और पार्टी हित में बसपा से निष्कासित किया गया है।

आकाश आनंद का सियासी सफर

साल 2023 के पहले तक हर कोई आकाश आनंद को केवल मायावती के भतीजे के तौर पर जानता था। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले मायावती ने आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर सभी को चौंका दिया। पार्टी में उनका कद भी बढ़ाया। साल 2019 में मायावती ने आकाश आनंद को पहली बार पार्टी का राष्ट्रीय समन्वयक बनाया। तब आकाश के पिता और मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार पार्टी के उपाध्यक्ष थे।

2023 आकाश आनंद के लिए बेहद शानदार रहा। इसी साल 26 मार्च 2023 को गुरुग्राम में डॉक्टर प्रज्ञा सिद्धार्थ के साथ विवाह हुआ। भतीजे आकाश की शादी के समय मायावती बेहद खुश थीं। आकाश की शादी में बुआ मायावती के साथ ही राजनीति जगत की कई मशहूर हस्तियां भी शामिल हुईं। 29 मार्च 2023 को नोएडा में भव्य रिसेप्शन हुआ था। शादी के आठ माह तक आकाश के सियासी करियर में सबकुछ आनंद ही आनंद रहा।

बुआ भतीजे के मोह में इस कदर आ गयीं कि उन्होंने इसी साल 10 दिसंबर को आकाश को अपना उत्तराधिकारी ही घोषित कर दिया। सियासी उत्तराधिकारी घोषित होने के बाद आकाश ने राजस्थान विधानसभा चुनावों में पार्टी प्रभारी के तौर पर अहम भूमिका निभाई थी। साथ ही उन्होंने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में भी बसपा को मजबूत करने के लिए काफी काम किया। हालांकि उनके काम का इन राज्यों में कोई खास असर नहीं दिखायी दिया।

लोकसभा चुनाव 2024 के बाद आने लगी खटास

2024 के बाद आकाश आनंद के किस्मत के सितारों ने जैसे साथ छोड़ना ही शुरू कर दिया। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के समय आकाश भारतीय जनता पार्टी पर जिस तरह हमलावर नजर आए। उससे बसपा मुखिया मायावती पर दबाव बनने लगा। जिसके बाद आठ मई 2024 को चुनाव प्रचार के बीच में ही मायावती ने आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटा दिया। तब उन्होंने यह तर्क दिया कि अभी आकाश को सियासी परिपवक्वता सीखने की जरूरत है। हालांकि बाद में उनका कद फिर से बढ़ गया और वह दूसरी बार राष्ट्रीय समन्वयक बना दिये गये।

इस बीच राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ के बीच तनाव बढ़ने लगा। अशोक सिद्धार्थ को राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रभारी बनाया गया। लेकिन इन राज्यों में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। इसके बाद बसपा सुप्रीमो आकाश आनंद के ससुर अषोक से खफा रहने लगीं। उन्होंने अशोक सिद्धार्थ को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बाहर का रास्ता दिखा दिया।

अशोक सिद्धार्थ एक समय मायावती के बेहद करीबी थे। अशोक सिद्धार्थ पेशे से डॉक्टर हैं और साल 2007 में वह बसपा में शामिल हुए थे। लेकिन इसके बाद भी पार्टी का अर्न्तकलह खत्म नहीं हुआ। बात यहां तक पहुंच गयी कि आकाश आनंद को बुआ मायावती के कोप का भाजन बनना पड़ा। बसपा अध्यक्ष ने अपने भतीजे आकाश आनंद को भी बसपा से निष्कासित कर दिया।

हालांकि आकाश आनंद और उसके ससुरालपक्ष से खफा चल रहीं मायावती ने अपने भाई को इस सब का हिस्सा नहीं बनने दिया। बल्कि कद बढ़ाते हुए आनंद कुमार को नेशनल कोऑर्डिनेटर बना दिया। अब देखना यह है बसपा अध्यक्ष का अगला कदम क्या होता है। आकाश आनंद की राजनीति आगे बढ़ती है या फिर यहीं से उनके सियासी करियर पर पूर्णविराम लग जाएगा।

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