UP News: 17 अगस्त से शुरू होगा विधानमंडल का मानसून सत्र, विपक्षी दलों ने की सरकार को घेरने की तैयारी

UP News: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र आगामी 17 अगस्त से प्रारंभ होने जा रहा है।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2021-08-02 23:13 IST

उत्तर प्रदेश  विधानसभा की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

UP News: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र आगामी 17 अगस्त से प्रारंभ होने जा रहा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगा दी गई। मंत्रिपरिषद ने राज्य विधान मण्डल के दोनों सदनों का वर्ष 2021 का द्वितीय सत्र (वर्षाकालीन सत्र) 17 अगस्त (मंगलवार) को आहूत कर लिये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।

बता दें कि राज्य विधान मण्डल के दोनों सदनों का विगत सत्र इस साल 18 फरवरी 2021 को आहूत किया गया था। इस सत्र में विधान सभा एवं विधान परिषद की अंतिम बैठक 4 मार्च को हुई थीं। तत्पश्चात् दोनों ही सदनों का सत्रावसान भी 30 मार्च से कर दिया गया था।

उत्तर प्रदेश का विधानसभा भवन (फोटो:सोशल मीडिया )

संविधान के अनुच्छेद 174 के खण्ड (1) में यह व्यवस्था है कि विधान मण्डल के प्रत्येक सदन के एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के लिए नियत तारीख के बीच 6 माह का अन्तर नहीं होगा। चूंकि विगत सत्र में विधान सभा एवं विधान परिषद की अंतिम बैठक दिनांक 4 मार्च,को हुई थी। अतः इस संवैधानिक व्यवस्था के तहत विधान मण्डल का आगामी सत्र 4 सितम्बर से पूर्व आहूत किया जाना है।

विधानसभा सत्र के हंगामेदार होने के आसार

विधानसभा का यह सत्र काफी हंगामेदार होने के आसार है। विपक्ष इसकी तैयारियां काफी दिनों से कर रहा है। इस दौरान विपक्षी दल सपा ,बसपा और कांग्रेस महंगाई कानून व्यवस्था और किसानों की समस्याओं को लेकर राज्य सरकार को घेरने के लिए तैयार है।

सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून को विधेयक के रूप में विधानसभा सभा कर सकती है पेश

वहीं राज्य सरकार ने भी यूपी में जनसंख्या नियंत्रण के लिए जनसंख्या नियंत्रण 2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जिसे 17 अगस्त में शुरू हो रहे यूपी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान इसे विधेयक के रूप में विधानसभा में पेश किया जा सकता है। ड्राफ्ट के अनुसार दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।

साथ ही वह व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा और न ही किसी स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ सकेगा। विपक्ष इस कानून को लेकर भी राज्य सरकार पर हमलावर हो सकता है। इसके अलावा सरकार अपने अन्य विधायी कार्य भी निबटाएगी।

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