कल्याण सिंह के नाम पर होगा लखनऊ का कैंसर इंस्टीट्यूट व बुलंदशहर मेडिकल काॅलेज, सीएम योगी का फैसला

UP News: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह का 21 अगस्त को देहांत हो गया था।

Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-08-26 06:45 GMT

कल्याण सिंह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह (Kalyan Singh ) का 21 अगस्त को देहांत हो गया था। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उनको सम्मान देने के लिए राजधानी लखनऊ का कैंसर इंस्टीट्यूट और बुलंदशहर के सरकारी मेडिकल कॉलेज का नाम उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के नाम पर रखने पर रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैंसर इंस्टीट्यूट और बुलंदशहर के सरकारी मेडिकल कॉलेड के नाम को कल्याण सिंह के नाम पर रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह के नाम से जाना जाएगा। राज्य सरकार ने लखनऊ के कैंसर इंस्टिट्यूट और बुलंदशहर के सरकारी मेडिकल कॉलेज का नाम कल्याण सिंह के नाम पर रखने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का गत दिनों एक लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वह भाजपा के कद्दावर नेताओं में रहे हैं और राम जन्मभूमि आंदोलन में उनका विशेष योगदान रहा है। इसके पहले भी प्रदेश की योगी सरकार ने उनके नाम पर अयोध्या समेत 5 नगरों में सड़कों के कल्याण सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की है।

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और कल्याण सिंह की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)


उत्तर प्रदेश में कुछ ही महीनों बाद होने है विधानसभा चुनाव

यहां यह बताना जरूरी है कि उत्तर प्रदेश में कुछ महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसे लेकर भाजपा हाईकमान ने पिछड़ों को लुभाने के लिए अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है। यह सारी घोषणा उन्हीं को देखते हुए की जा रही हैं । इसके अलावा भाजपा ने यह भी फैसला किया है कि विधानसभा चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जिलों में पिछड़ों के सम्मेलन कराए जाएंग। 

जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की विशेष भूमिका होगी। इन सम्मेलनों में योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान पिछड़ो के लिए किए गए कामों का लेखा-जोखा रखा जाएगा।

पिछड़े वोटों पर भाजपा की नजर

दरअसल उत्तर प्रदेश में जाति राजनीति के तहत पिछले वर्ग का एक बड़ा वोट बैंक है और जिस पर कई वर्षों तक सपा और बसपा का एकाधिकार रहा है। परंतु 2014 में मोदी के आने के बाद से पिछड़ा वोट बैंक भाजपा की तरफ आकर्षित हुआ है । भाजपा चाहती है कि इस बड़े वोट बैंक को सपा और बसपा से छीन कर अपने पाले में कर लिया जाए।

यूपी की 100 सीटों पर पिछड़ो का अच्छा प्रभाव

यहां पर यह भी बताना जरूरी है कि प्रदेश में लगभग 100 सीटें ऐसी हैं। जहां पर पिछड़ों का अच्छा खासा प्रभाव है। इन्हीं पिछड़ों के बल पर सपा और बसपा ने कई बार सत्ता हथियाने का काम किया है। उधर मोदीे सरकार ने भी 11 अगस्त को संसद में ओबीसी संशोधन बिल पास कर इस वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करने काम किया है। जिसके तहत अब अन्य पिछड़ा वर्ग की लिस्ट जारी करने का अधिकार राज्यों को मिल गया है।

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