UP News: पुरानी फाइल से! सरकार ने खेल संगठनों पर लगाम कसने की ठानी
UP News: खेलों में भारत की प्रगति में आ रही निरंतर गिरावट के बाद अब सरकार ने खेल संगठनों की लगाम कसने का मन बना लिया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खेल नीति 2000 में कठोर प्रावधान की व्यवस्था की है।
UP News: नई दिल्ली, 12 जुलाई, 2000, खेलों में भारत की प्रगति में आ रही निरंतर गिरावट के बाद अब सरकार ने खेल संगठनों की लगाम कसने का मन बना लिया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खेल नीति 2000 में कठोर प्रावधान की व्यवस्था की है।
केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय ने जो नई खेल नीति का मसौदा तैयार किया है उसमें खेल परिसंघों को अधिक पारदर्शी, पेशेवर और जवाबदेह बनाने का फैसला किया गया है। इसके लिए सरकार एक ऐसा संगठनात्मक ढ़ांचा तैयार करेगी जो संगठनों के लिए माडल के तौर पर काम करेगा। इसके अलावा परिसंघों के लिए दिशा-निर्देशों का एक सेट भी तैयार किया जाएगा। खेल नीति के प्रारूप में यह भी कहा गया है कि यदि जरूरी हुआ, तो केंद्र सरकार खेल संघों के लिए एक विधान भी लागू करेगी।
खेल नीति 2000 की एक महत्वपूर्ण बात खेलों के विकास से कारपोरेट सेक्टर को जोड़े जाने की है। इस नीति के तहत प्रमुख कारपोरेट समूहों को विशेष खेल विधाओं तथा खिलाड़ियों को अपनाने के लिए कहा जाएगा। खेल के क्षेत्र में इस तरह का सहयोग करने वाले कारपोरेट सेक्टरों को आयकर से छूट प्रदान की जायेगी।
नई खेल नीति में सरकार ने राष्ट्रीय खेल विकास निधि बनाने का भी प्रस्ताव किया है। जिसमें दान देने वालों को आयकर से शत प्रतिशत छूट मिलेगी। खेल नीति के प्रारूप में यह माना गया है कि भारत में खेलों के विकास में एक प्रमुख बाधा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरणों और सुविधाओं के अभाव की है। इस तरह की कमी को दूर करने के लिए सरकार तैयार खेल सामग्री की आवाजाही पर सभी तरह के प्रतिबंध समाप्त करने पर विचार कर रही है। सरकार ने यह तय किया है कि खेलकूद के सामानों को शैक्षणिक पाठ्यपुस्तकों की भांति बिक्री कर से छूट दी जाएगी। आयात किए जाने वाले खेल उपकरणों की सीमा शुल्क से छूट की अनुमति भी प्रदान की जाएगी।
सरकार के प्रारूप में शारीरिक शिक्षा और शैक्षिक पाठ्यक्रम को एक साथ मिलाकर इसे सेकेंडरी स्कूल तक अनिवार्य करने की भी व्यवस्था की है। छात्र के मूल्यांकन पद्धति में भी शारीरिक शिक्षा को सम्मिलित किया जाएगा। इस नीति के तहत शीघ्र ही देश के सभी स्कूलों में फिटनेस कार्यक्रम शुरू करने की भी योजना है।
नई खेल नीति के प्रारूप में इस बात का स्पष्ट तौर पर उल्लेख है कि जिन विधाओं में हमारा प्रदर्शन ठीक रहेगा उन विधाओं में ओलंपिक, एशियाई खेलों तथा राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेना पूरी तरह सरकारी खर्च पर होगा। खेलों को समवर्ती सूची में शामिल किए जाने की बात कही गई है। इसमें खेलों को विस्तृत आधार प्रदान करने की मूल जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी। केंद्र सरकार राज्य सरकारों के प्रयासों को पूरा करने में सहयोग करेगी। खेल संस्कृति के संवर्धन की प्रतिबद्धता जताते हुए इस नीति में कहा गया है कि समुद्रतटीय क्षेत्रों में तैराकी तथा आदिवासी क्षेत्रों में तीरंदाजी जैसी खेल क्षमताओं का पता लगाने का काम बुनियादी स्तर से किया जाएगा।
(मूल रूप से दैनिक जागरण के नई दिल्ली संस्करण में दिनांक- 13 जुलाई, 2000 को प्रकाशित)