UP News: 17वीं विधानसभा का अंतिम सत्र समाप्त, अंतिम दिन भी सत्ता पक्ष और विपक्ष में हुई नोकझोंक
UP News: गांव-गांव शहर-शहर शमशान बन गए लोग शवों को नदी में फेंकने लगे स्थिति इतनी भयावह हो गई हो थी कि लोग शवों से कफन तक चुराने लगे थे।
UP News: नेता प्रतिपक्ष रामगोबिन्द चौधरी (ramgovind chaudhary) ने कहा कि इससे पूर्व सरकार द्वारा जो भी बजट पेश किए वे पूरी तरह से खर्च नही हो पाए। पिछले तीन स़़त्रों से केवल कोरोना पर ही बहस हो रही है। जितने लोग यूपी में कोरोना से मरे हैं संभवत उतने किसी प्रदेश में नहीं मरे है।
गांव-गांव शहर-शहर शमशान बन गए लोग शवों को नदी में फेंकने लगे स्थिति इतनी भयावह हो गई हो थी कि लोग शवों से कफन तक चुराने लगे थे बावजूद इसके राज्य सरकार कोरोना के कुशल प्रबंधन पर अपनी पीठ ठोंकने से बाज नहीं आ रही है। सत्रहवीं विधानसभा के अंतिम सत्र के अंतिम दिन भी कई मुदृदों को सरकार और विपक्ष में तीखी नोंकझोक हुयी। राज्य सरकार द्वारा गुरूवार को पेश किए गए अनुपूरक अनुदान पर बोलते हुए
उन्होंने कहा कि प्रदेश में गुंडई चरम पर हैं साढ़े चार साल में अपराधियों माफियाओं और आराजक तत्वों की बीजेपी शरण स्थली बन गई। बीजेपी में अपराध और अपराधी दोनों बढ़े, सरकार का पूरा कार्यकाल हिन्दू और मुसलमान कराने में ही बीत गया। सरकार ने अपनी हनक केवल झूठ बोलने में कायम की, पंचायत चुनाव में जो बेईमानी हुई वह किसी से छिपी नहीं है।
उन्होंने कहा कि पांच साल के कार्य काल को अगर दो लाइनों में कहा जाए तो सोच बेईमान और काम दागदार ही रहा है। महिलाओं का जितना अपमान इस सरकार में हुआ पहले कभी नहीं हुआ। भाजपा के विधायक व कार्यकर्ता तक अपनी प्रतिष्ठा नहीं बचा पाए। सरकार की कार्यशौली पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट तक को तल्ख टिप्पणी करनी पड़ी, सरकार अपनी विफलता का ठीकरा विपक्ष पर फोड़ रही है।
अपने एक घंटे से ज्यादा के भाषण में उन्होंने जहां भाजपा सरकार की उपलब्ध्यिों की एक-एक खामियां गिनाई तो वहीं उन्होंने याद दिलाया कि 2012 में सत्तारूढ़ होने के बाद अखिलेश यादव ने घोषणा पत्र में किए गए वायदां को साढ़े तीन साल में ही पूरा कर दिया था। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा की सरकार में समाज के हर वर्ग की भावनाओं के साथ खिलवाड़ हुआ उन्होंने कहा कि बंगाल में तो खेला हुआ लेकिन यहां खदेड़ा होगा।
अनुपूरक अनुदान पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए बसपा विधान मंडल दल के नेता उमाशंकर सिंह ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मामले में मायावती सरकार के कार्यकाल को लोग आज भी भूले नहीं है। मौजूदा सरकार में कानून-व्यवस्था को लेकर जो बढ-़चढ़कर दांवे किए जा रहे हैं वह कपोल कल्पित हैं। माया सरकार में हुंई नियुक्तियों में भी पूरी पारदर्शिता बरती गई, इसी के साथ ही उन्होंने बलिया में रसड़ा क्षेत्र में छ साल से बंद चीनी मिल के अब तक शुरू न होने का मामला उठाया।
कांग्रेस विधान मंडल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि अनुपूरक बजट झूठे वायदे किए गए कागज पर बजट बना और कागज पर ही खत्म हो गया। गन्ना किसानों पर आज भी आठ करोड़ से ज्यादा बकाया है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। बेटियां महफूज नही है। सुहेल देव भारत समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि पांच साल में केवल वायदे पर वायदा किया गया अनुपूरक अनुदान पर अपने पूर्ववर्ती दलीय नेताओं द्वारा रखे गए विचारों से अपने को संबदृ करते हुए राजभर ने कहा कि लोगों को नौकरी की जगह लाठियां मिल रही है जाति पूछकर मुकदमें कायम हो रहे है पुलिस उत्पीड़न कर रही है। अपना दल एस की नेता लीना तिवारी ने वित्त मंत्री द्वारा रखे अनुपरूक अनुदानों का समर्थन करते हुए सरकार के प्रति आभार जताया।
दलीय नेताओं द्वारा की गई चर्चा का जवाब देते हुए संसदीय कार्य व वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि यूपी में अब निवेशकों को अनुकूल माहौल मिल रहा है। इस सरकार ने गरीबों के इलाज में सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से लोगों की आर्थिक मदद की गई। उन्होंने दांवा किया कि कोरोना काल में सीमित संसाधनों के बावजूद अन्य राज्यों के अपेक्षा यूपी में सबसे कम मौते हुई।
विपक्ष द्वारा यदि वैक्सीन को लेकर गुमराह न किया गया होता तो शायद इतनी मौते नहीं होती। सदन में उप्र विनियोग विधेयक 2021 और वित्तीय वर्ष 2022-23 के अप्रैल, मई, जून, जुलाई के लिए उप्र विनियोग लेखानुदान विधेयक 2021 को पारित किया गया।
सत्र के अंतिम दिन जहां सारे दलीय नेताओं ने अपने पांच साल के कार्यकाल के खटठे-मीठे अनुभवों को साझा किया वहीं विधानसभाध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सारे स़त्रों में पक्ष विपक्ष से सदन के संचालन में मिले सहयोग पर आभार जताया साथ सबके उज्जवल भविष्य के प्रति अपनी शुभकामनाएं दी; राष्टगान के साथ ही सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गयी।
इससे पूर्व सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभाध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन को पूर्व सदस्य रामनगीना मिश्र के निधन की सूचना दी। उनके निधन पर सदन में दो मिनट का मौन का रखा गया। इसी के साथ सभी प्रश्न उत्तरित मान लिए गए तथा सभी याचिकाएं प्रस्तुत मान ली गयी। सदन के अंतिम दिन नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा के कर्मियों का मानदेय बढाए जाने की मांग की।