UP Nikay Chunav 2023: सिख दंगे के आरोपी की पत्नी को बीजेपी ने दिया टिकट, हर तरफ हो रही चर्चा

UP Nikay Chunav 2023: कांग्रेस से पूर्व पार्षद रहे कैलाश पाल दबौली निवासी हैं। जो तीन बार पार्षद रहे हैं। इस समय इनकी उम्र करीब 70 साल है। वर्ष 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों में शहर में 127 सिखों की हत्या की गई थी। इन दंगों की जांच कर रही एसआआइटी ने चार घटनाओं के मुख्य आरोपी पूर्व पार्षद कैलाश पाल को पकड़ जेल भेजा था।

Update: 2023-04-24 12:09 GMT
सिख दंगे के आरोपी कैलाश पाल (फोटो: सोशल मीडिया))

UP Nikay Chunav 2023 Kanpur: कानपुर में बीजेपी के टिकट सभी वार्डों की फाइनल हो गए हैं। पार्टी ने ज्यादातर साफ छवि को लेकर प्रत्याशी उतारने का प्रयास किया है। लेकिन रविवार शाम टिकट फाइनल होने के बाद एक वार्ड चर्चा का विषय बन गया है। दबौली वार्ड 72 से सिख दंगे के आरोपी की पत्नी को टिकट होने पर कार्यकर्ताओं में विरोध नजर आ रहा है।

सिख दंगे के आरोपी कैलाश पाल
कांग्रेस से पूर्व पार्षद रहे कैलाश पाल दबौली निवासी हैं। जो तीन बार पार्षद रहे हैं। इस समय इनकी उम्र करीब 70 साल है। वर्ष 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों में शहर में 127 सिखों की हत्या की गई थी। इन दंगों की जांच कर रही एसआआइटी ने चार घटनाओं के मुख्य आरोपी पूर्व पार्षद कैलाश पाल को पकड़ जेल भेजा था। कैलाश पाल जमानत करा बाहर आए हैं।

टिकट होने के बाद क्षेत्र में चर्चा
एसआइटी की जांच में आरोपी पूर्व पार्षद कैलाश पाल की पत्नी गीता पाल को भाजपा से टिकट होने पर क्षेत्र के साथ-साथ दावेदारों में नाराजगी नजर आ रही है। इसका विरोध सोशल मीडिया पर हो रहा है। जहां सिख दंगों के दोषियों को सजा दिलाने के मामले में बीजेपी सरकार की कवायद जारी है। तो वहीं बीजेपी संगठन ने सिख दंगे के आरोपी की पत्नी को वार्ड 72 से टिकट क्यों दे दिया है।

सिख समुदाय के लोग नाराज
यह टिकट होने के बाद खासकर सिख समुदाय के लोग काफी नाराज नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि भाजपा से उन्हें ऐसा करने की उम्मीद नहीं था। उधर, क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लोग सोशल मीडिया पर तरह-तरह की पोस्ट कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली भाजपा का असली चेहरा यही है कि किसी तरह सीटें निकलनी चाहिए। जिसके लिए उसे नैतिकता को दरकिनार करने से कोई भी परहेज नहीं होता है।

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