UP Nikay Chunav 2023: अमेठी में स्मृति ईरानी और राहुल गांधी की अग्नि परीक्षा, देखें-जिले का पूरा राजनीतिक समीकरण

UP Nikay Chunav 2023: राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अमेठी निकाय चुनाव के परिणाम स्मृति ईरानी और राहुल गांधी की इमेज पर डालेंगे। निकाय चुनाव में अगर कांग्रेस को हार मिली तो यह राहुल गांधी के किसी झटके से कम नहीं होगा, जबकि जीत मरहम का काम करेगी।

Update:2023-04-25 00:08 IST
फाइल फोटो- स्मृति ईरानी और राहुल गांधी

UP Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश के सभी राजनीतिक दल निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। जिलों में जीत की पुख्ता रणनीति बनाई जा रही है। लेकिन, सबकी नजर अमेठी पर है। खुद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी यहां नजर बनाये हुए हैं। कहा जा रहा है कि निकाय चुनाव के टिकट वितरण में इन दोनों की सीधे तौर पर दखल है। दोनों दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। लेकिन जिले के राजनीतिक जानकार मुकाबला चतुष्कोणीय मानते हैं। उनका कहना है कि बीजेपी और कांग्रेस के अलावा सपा और आम आदमी पार्टी भी मुकाबले में है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अमेठी निकाय चुनाव के परिणाम स्मृति ईरानी और राहुल गांधी की इमेज पर डालेंगे। निकाय चुनाव में अगर कांग्रेस को हार मिली तो यह राहुल गांधी के किसी झटके से कम नहीं होगा, जबकि जीत मरहम का काम करेगी। गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को बीजेपी कैंडिडेट स्मृति ईरानी से करारी हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, बीजेपी की जीत से स्मृति ईरानी के प्रभाव का पता चलेगा।

मुकाबला कांटे का

वर्तमान समय में दो नगर पालिका और दो नगर पंचायत सीटों में से तीन सीटें बीजेपी के पास (जायस, अमेठी, मुसाफिरखाना) जबकि एक सीट समाजवादी पार्टी के पास (गौरीगंज) है। कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है। इस बार मुकाबला चतुष्कोणीय माना जा रहा है। बीजेपी जिलाध्यक्ष दुर्गेश तिवारी दावा है कि इस बार अमेठी में बीजेपी सभी सीटें जीतने जा रही है। जिले में मतदान दूसरे चरण में 11 मई को होंगे।

अमेठी हॉट सीट

जिले की सबसे हॉट सीट अमेठी नगर पंचायत मानी जा रही है। इस सीट पर तीन बार से लगातार राजेश मसाला का कब्जा था। इस बार आरक्षण के चलते महिला बैकवर्ड सीट होने से इस बार राजेश मसाला चुनाव से बाहर हैं। अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी ने अंजू कसौधन को कैंडिडेट बनाया है। कांग्रेस ने इस बार सपा छोड़ कर आए सत्तू की पत्नी सरासुल निशा को उम्मीदवार बनाया है। सपा ने लईक हवारी की पत्नी जमीरूल निशा को उम्मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी ने रीना जायसवाल को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में इस सीट पर सपा और बीजेपी की लड़ाई को आम आदमी पार्टी ने त्रिकोणीय बना दिया है। इस सीट पर बीजेपी कैंडिडेट को अपनी पार्टी के बागी कैंडिडेट का नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। यहां युवा मोर्चा के पूर्व जिला महामंत्री महेश सोनी बागी हो कर अपनी पत्नी का नामांकन निर्दल करा दिया है।

गौरीगंज का हाल

गौरीगंज नगर पालिका सीट की बात करें तो सपा ने केडी सरोज की पत्नी तारा देवी को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने दीपक सिंह की पत्नी रश्मि सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने अरुण मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी ने हरिश्चंद्र को उम्मीदवार बनाया है। यहां बीजेपी के उम्मीदवार दीपक सिंह लंबे अर्से से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह के करीबी रहे हैं। कुछ दिन पूर्व ही ये बीजेपी में आए हैं।

मुसाफिर खाना- सपा ने नहीं उतारा उम्मीदवार

मुसाफिर खाना नगर पंचायत सीट पर बीजेपी ने बृजेश गुप्ता को उम्मीद वार बनाया है। कांग्रेस ने डा. रमित को उम्मीदवार बनाया है। सपा और आप ने अपने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारे हैं। यहां बीजेपी उम्मीदवार बृजेश गुप्ता लगातार दो बार से नगर पंचायत के अध्यक्ष हैं।


जायस नगरपालिका

जायस नगरपालिका में कांग्रेस ने गुड़िया पुत्री राजेंद्र चौहान को उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी ने यहां निर्वतमान नगर पालिका अध्यक्ष की पत्नी बीना सोनकर को उम्मीदवार बनाया है। सपा ने उमा देवी को मैदान में उतारा है। रेखा देवी आम आदमी की प्रत्याशी हैं।

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