UP Nikay Chunav 2023: गुटबाजी से उड़ी उम्मीदवारों की नींद, बगावत रोकने की कोशिशें नाकाम
UP Nikay Chunav 2023: गुटबाजी खत्म करने के लिए जिले के जनप्रतिनिधि लाव-लश्कर के साथ डेरा डाले हुए हैं, गुटबाजी है कि थमने का नाम नहीं ले रही। जनपद की नवसृजित एट नगर पंचायत में पहली बार चुनाव होने जा रहा है। पार्टी के अंदर की बगावत स्वर सड़क पर दिखाई देने लगे हैं। चूंकि कुछ नेताओं ने वार्ड सभासद के लिए अपने पुत्र या कर्मठ कार्यकर्ताओं के लिए टिकट मांगे थे।
Jalaun News: जनपद में मतदान का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, सभी उम्मीदवार मतदाताओं को रिझाने के लिए प्रयास में लगे हुऐ हैं। लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं में गुटबाजी सामने आने से प्रत्याशियों की नींद उड़ी हुई है। गुटबाजी खत्म करने के लिए जिले के जनप्रतिनिधि लाव-लश्कर के साथ डेरा डाले हुए हैं, गुटबाजी है कि थमने का नाम नहीं ले रही। जनपद की नवसृजित एट नगर पंचायत में पहली बार चुनाव होने जा रहा है।
इस नवगठित नगर पंचायत को महिला अनुसूचित के लिए आरक्षित किया गया है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी से टिकट मांगने के लिए कई लोगों ने दावेदारी की थी। लेकिन एक जनप्रतिनिधि के चलते सब की दावेदारी धरी रह गई। नगर पंचायत के लिए दीपमाला का टिकट फाइनल हो गया। भाजपा से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पूर्व प्रधान, वर्तमान जिला पंचायत सदस्य पूनम ने अपनी उम्मीदवारी रखकर भारतीय जनता पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।
पार्टी के अंदर की बगावत स्वर सड़क पर दिखाई देने लगे हैं। चूंकि कुछ नेताओं ने वार्ड सभासद के लिए अपने पुत्र या कर्मठ कार्यकर्ताओं के लिए टिकट मांगे थे। लेकिन जिले से बनाए गए प्रभारियों के चलते वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को दरकिनार करते हुए ऐसे लोगों को टिकट दे दिए गए है, जो या तो पार्टी में नए आए हैं, अथवा पार्टी के कामों में सक्रिय नहीं रहे हैं। बहरहाल, बागी उम्मीदवारों से भाजपा की प्रत्याशी दीपमाला वर्मा के लिए मुसीबत खड़ी होती दिखाई दे रही है।
हालांकि पार्टी के जनपद से जनप्रतिनिधि अपने प्रत्याशी को जीत हासिल कराने के लिए नगर में ही डेरा जमाए हुए हैं। दूसरी तरफ भाजपा से बागी प्रत्याशी पूरी ताकत के साथ भारतीय जनता पार्टी के घोषित प्रत्याशी को चुनौती देने में लगे हुए हैं। इसके अलावा खासकर वैश्य समाज के कार्यकर्ता अंदरूनी तौर पर बगावत करने वाले प्रत्याशी के साथ खड़े होने के लिए बेताब दिखाई दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस वर्ग के लोग किसी भी तरह का खतरा न लेकर गुप्त रूप से बागी उम्मीदवार का समर्थन कर सकते हैं। इस गुटबाजी को लेकर भाजपा प्रत्याशी दीपमाला मतदान से पहले पार्टी के भीतर और बाहर तमाम चुनौतियों का सामना कर रही हैं।