Mayor Elections 2023: लखनऊ से दिल्ली की परिक्रमा लगा रहे टिकटार्थी, जानें- बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस के संभावित उम्म
UP Nikay Chunav Sahananpur Mayor Elections 2023: सहारनपुर नगर निगम सीट 2017 में अस्तित्व में आई थी और भाजपा उम्मीदवार संजीव वालिया को जनता ने जीत का सेहरा बनाते हुए महापौर बनाया था।
Sahananpur Mayor Elections 2023: निकाय चुनाव की घोषणा के बाद महापौर का टिकट पाने के लिए उम्मीदवारों ने दावेदारी के साथ लखनऊ और दिल्ली में बैठे अपने आकाओं की परिक्रमा भी करनी शुरू कर दी है। सहारनपुर नगर निगम सीट 2017 में अस्तित्व में आई थी और भाजपा उम्मीदवार संजीव वालिया को जनता ने जीत का सेहरा बनाते हुए महापौर बनाया था। लेकिन, इस बार माना जा रहा है कि निवर्तमान महापौर संजीव वालिया चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार नहीं है वहीं, पार्टी भी एक बार फिर उन पर दाग नहीं खेलना चाहती। इसलिए इस बार महापौर के उम्मीदवार के रूप में नया चेहरा तलाशा जा रहा है।
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पहले यह सीट महिला के लिए आरक्षित थी परंतु अब नई आरक्षण-व्यवस्था के तहत यह पद पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है, पर ऐसे में भाजपा में सबसे ज्यादा उम्मीदवारों की फेहरिस्त लंबी है। इस लिस्ट में निवर्तमान महापौर संजीव वालिया के अलावा भाजपा नेता राज कुमार राजू डॉक्टर ए के सिंह विजेंद्र राठी विकेश चौधरी मनोज ठाकुर पूर्व विधायक नरेश सैनी पूर्व विधायक मामचंद कोरियोग्राफर रंजना नैब डॉ नीलू राणा आदि 2 दर्जन से भी ज्यादा नेता मेयर पद उम्मीदवार की दौड़ में शामिल है।
भाजपा सर्वे करने के बाद ही महापौर का टिकट चयनित उम्मीदवार को देगी, ऐसा उम्मीदवार जिसके नाम पर कोई विवाद न हो। ऐसे में डॉक्टर ए के सिंह और राजकुमार राजू ही ऐसे दो चेहरे सामने आते हैं जिन पर भाजपा दांव खेल सकती है। यह दोनों शख्सियत सपा और कांग्रेस के लिए भी घातक हो सकते हैं। यदि डॉक्टर ए के सिंह को टिकट मिलता है तो उनकी साफ-सुथरी छवि व्यवहार और जातिगत आंकड़े अन्य दलों पर भारी पड़ सकते हैं। वहीं, राजकुमार राजू जोकि संघ से जुड़े हुए हैं महात्माओं और संतों का आशीर्वाद और नज़दीकियां उन्हें प्राप्त हैं। इसके साथ ही भाजपा संगठन से कई वर्षों से जुड़कर सेवारत हैं। उनके नाम पर विचार हो सकता है।
राजकुमार राजू के नाम पर भी चर्चा
राजकुमार राजू जहां संघ से जुड़े होने के कारण संघ के लोगों की पसंद हैं तो वहीं एन आर आई अजय गुप्ता से भी इनके बेहद अच्छे संबंध हैं। प्रवासी भारतीय अजय गुप्ता द्वारा सहारनपुर के लाल दास के बाड़े पर बनाया जा रहा ऐतिहासिक शिव मंदिर जो कि शिव धाम मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो रहा है उसके मुख्य रूप से कर्ताधर्ता भी राजकुमार राजू है। राजकुमार राजू जहां संघ की पसंद हैं वहीं भाजपा के शीर्ष नेताओं से उनके बेहद करीबी अच्छे संबंध हैं जिसके चलते माना जा रहा है कि राजकुमार राजू भाजपा के महापौर के रूप में उनकी पसंद बन सकते हैं। इसके अलावा राजकुमार सैनी और विजेंद्र राठी वह नाम हैं जिनके नाम पर चर्चा पिछले चुनाव में भी अंतिम समय तक हुई थी और संभवत एक बार फिर इन पर चर्चा हो सके।
स्क्रीनिंग के बाद भाजपा तय करेगी उम्मीदवार
फिलहाल, भाजपा पूरी स्क्रीनिंग के बाद ही महापौर का टिकट के दावेदार के रूप में किसी का चयन करेगी और इसके लिए लगातार सभी अपने आकाओं को अपनी याद और अपनी सिफारिश जरूर कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि भाजपा की स्क्रीनिंग के बाद कौन उम्मीदवार उसमें चयनित होगा और महापौर के चुनावी मैदान में डटेगा?
बसपा से दावेदार
पिछले चुनाव में भाजपा ने बसपा उम्मीदवार फजलुर रहमान जो कि अब वर्तमान में सांसद हैं, को हराकर महापौर का ताज कब्जाया था। इस बार फजलुर्रहमान अपने बेटे के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे थे तो वहीं बेबाक राजनीति के लिए जाने जाने वाले इमरान मसूद जोकि बसपा में इस समय महत्वपूर्ण पद पर हैं, पश्चिम उत्तर प्रदेश कोऑर्डिनेटर हैं। उनके और सांसद के बीच चल रही कोटद्वार में इस बार भी पलड़ा इमरान मसूद का भारी लग रहा है। पहले यह महिला सीट होने के कारण इमरान मसूद अपनी पत्नी साइमा मसूद को चुनावी मैदान में उतार रहे थे और बसपा ने बाकायदा सायमा मसूद को अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया था लेकिन, आरक्षण के बाद यह सीट पिछड़ा वर्ग में आने से इमरान मसूद का यह सपना धराशाई हो गया। लेकिन सीट अभी भी उन्हीं के परिवार के पास रहेगी। यह माना जा रहा है इस सीट पर उनके भाई शादान मसूद जोकि पूर्व मंत्री रहे स्वर्गीय काजी रशीद मसूद के पुत्र हैं कि पत्नी खतीजा मसूद जोकि जाट बिरादरी से हैं और उनका पहले नाम गरिमा सिंह था। उन्होंने उम्मीदवार के रूप में अपनी दावेदारी की है। माना जा रहा है लगभग उनका टिकट फाइनल है।
सपा से आशु मलिक के परिवार की दावेदारी
समाजवादी पार्टी में आशु मलिक के परिवार से टिकट की दावेदारी की उम्मीद जताई जा रही है तो वहीं उनके चहेते मजाहिर मुखिया भी दावेदार हैं। इसके अलावा पूर्व राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त मांगेराम कश्यप और नुसरत साबरी की भी प्रबल दावेदारी मानी जा रही हैं।
क्या है कांग्रेस का हाल?
कांग्रेस की बात करें तो पहले उमा भूषण को महिला सीट होने के कारण उम्मीदवार माना जा रहा था लेकिन अब कांग्रेस अभी अपना उम्मीदवार तलाश रही है। भाजपा के पास जहां उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त है तो वहीं कांग्रेस की फेहरिस्त न के बराबर है। अब देखना यह होगा कि जनता महापौर के पद पर किसके सिर पर यह ताज सजाएगी?