UP: नौ मेडिकल कॉलेज के लोकार्पण के बाद क्या बदलेगी यूपी की तस्वीर? जानें- स्वास्थ्य का हाल
योगी सरकार जल्द ही प्रदेश को नौ नए मेडिकल कॉलेजों का तोहफा देने जा रही है। नए मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से होगा।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जल्द ही प्रदेश को नौ नए मेडिकल कॉलेजों का तोहफा देने जा रही है। नए मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगा, जिसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। यूपी के इतिहास में ये पहली बार होगा जब एक साथ नौ नए मेडिकल कॉलेज का तोहफा मिलेगा। जिससे उत्तर प्रदेश के लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी राहत मिलेगी और उन्हें इलाज के लिए लंबी दूरी तय नहीं करना पड़ेगा। वह अपने आस-पास खुल रहे इन मेडिकल कॉलेजों में इलाज करा सकेंगे। नए मेडिकल कॉलेजों में साढ़े चार सौ से अधिक संकाय सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है।
इन जिलों में बनकर तैयार हुआ है मेडिकल कॉलेज
देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, हरदोई, जौनपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़ और सिद्धार्थनगर जिलों में नए मेडिकल कॉलेज बनाए ग गए हैं।
450 से अधिक संकाय सदस्यों की नियुक्ति
गौरतलब है कि इन नए कॉलेजों में 450 से अधिक संकाय सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैकल्टी में किये जाने वाली चयन प्रक्रिया में शुचिता और पारदर्शिता के साथ करने के निर्देश दिये हैं। मेरिट के आधार पर अच्छे शिक्षकों का चयन करने को कहा गया है।
अब इन आंकड़ों को देखें
दो करोड़ आबादी वाले उत्तर प्रदेश में लगभग दो लाख डॉक्टरों की जरूरत है, नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2015 के अनुसार, उत्तर प्रदेश में कुल 65,343 डॉक्टर पंजीकृत हैं। इनमें से 52,274 राज्य में प्रैक्टिस करते हैं। आबादी और डॉक्टरों की संख्या के अनुसार प्रत्येक डॉक्टर पर 3,812 मरीजों को देखने का जिम्मा है। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि प्रत्येक डॉक्टर के जिम्मे सिर्फ 1000 मरीज होने चाहिए। सरकारी अस्पतालों में राज्य में कुल 18,732 डॉक्टरों के स्वीकृत पद हैं। वर्तमान में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में मात्र 13 हजार डॉक्टर कार्यरत हैं। बढ़ती आबादी और मरीजों के आंकड़ों के लिहाज से यह संख्या लगभग 45 हजार होनी चाहिए। ऐसे में इन नए मेडिकल कॉलेज में अच्छे और योग्य डॉक्टरों की नियुक्ति करना सरकार के लिए कठिन परीक्षा होगी। क्योंकि प्रदेश में पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है।
2017 के पहले सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज थे
बता दें देश के सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 2017 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो प्रदेश में सिर्फ 12 मेडिकल कॉलेज ही हुआ करते थे। अब योगी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल के बाद प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 48 हो चुकी है। प्रदेश में 13 और मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का काम तेज गति से किया जा रहा है। सरकार नए मेडिकल कॉलेजों में 70 प्रतिशत फैकल्टी का चयन भी कर चुकी है। इसी जुलाई महीने से इन नौ नए मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद प्रदेश की जनता को चिकित्सा सुविधाएं मिलना और अधिक सुविधाजनक हो जाएगा।
441 ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भारी किल्लत से कई सैकड़ों जानों से सबक लेते हुए सीएम योगी ने प्रदेश में 441 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित की स्थापना की है, जिसका कार्य तेजी से चल रहा है। इनमें से लगातार प्रयासों से अब 131 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हो चुके हैं। प्रदेश में कुल 3500 स्वास्थ्य उपकेन्द्र, 1475 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 399 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र संचालित हो चुके हैं। 5424 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर भी संचालित हैं। यूपी में 6 नये सुपर स्पेशियलटी ब्लॉक की स्थापना और गोरखपुर व रायबरेली में एम्स की स्थापना के साथ ओपीडी प्रारंभ हो चुकी है।