आज़ादी के बाद पहली बार होगा ऐसा, इस गांव में महिला बनेगी प्रधान
देश की आज़ादी के बाद यह पहला मौका होगा कि जालौन के ग्राम आटा के विकास की बागडोर अब किसी महिला प्रधान के हाथों में होगी।
जालौन: देश की आज़ादी के बाद यह पहला मौका होगा कि जालौन के ग्राम आटा के विकास की बागडोर अब किसी महिला प्रधान के हाथों में होगी। 60 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद इस पंचायत चुनाव में ग्राम आटा में सामान्य महिला सीट आरक्षित की गई हैं और इस बार के चुनाव में महिलाएं अपने पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान का शंखनाद किया है और इस सीट पर जीत का इतिहास रचकर अपना परचम लहरायेगी।
आजादी के बाद पहली बार हुआ ऐसा
बतादें कि जालौन के ग्राम आटा में देश की आज़ादी 1947 के बाद अबकी बार पंचायत चुनाव में सामान्य महिला सीट को आरक्षित किया गया है। सरकार ने महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी को देखते हुए। उन्हें चुनाव में पुरुषों के बराबर खड़े होकर चुनावी मैदान में अपनी शक्ति प्रदर्शन करने का मौका दे रहीं है। आटा गांव में पहली बार महिला सीट के आने से महिलाओं में खुशी की लहर है और पुरुष भी महिलाओं को इसका हकदार बता रहे हैं और सरकार के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं।
ग्राम आटा के वोटरों की संख्या लगभग 5000 के करीब हैं जिसमें 2000 महिला वोटर व 3000 पुरूष वोटर हैं और यहाँ की आबादी 10000 के आसपास हैं। वैसे इस घनी आबादी वाले गांव में कई महिला प्रत्याशियों ने चुनावी रण में अपनी ताल ठोक दी और चुनावी मुकाबला भी रोमांचक होने की उम्मीद जताई जा रहीं हैं। जालौन में 13 अप्रैल से नामांकन शुरू है और 26 अप्रैल को मतदान होना है।
महिला के हाथों विकास की कमान
गांव के रहने वाले लोगों में महिला के हाथों विकास की कमान देखने का उत्साह भी देखने को मिल रहा है। वहीं गांव के ही रहने वाले पुरुषों का कहना है कि देश की महिला कभी भी पुरुषों से कम नही रहीं हैं चाहे कोई भी क्षेत्र हो हम महिलाओं की हिस्सेदारी को नजरअंदाज नहीं कर सकते। वहीं महिला सीट आने से यहां की महिलाओं का कहना है कि 60 वर्षों का लंबा वनवास बीतने के बाद यह शुभ घड़ी आई हैं और सरकार ने जो मौका दिया उसके लिए तहेदिल से धन्यवाद।
लेकिन जब बात देश मे बराबरी की हो रही हो तो महिलाएं पुरुषों से कम नही है इस गांव का विकास पूरी रणनीति से होगा और गांव की जो भी समस्याएं होगी उनको हम अपने द्वारा चुने गए प्रधान से दूर कराने का प्रयास करेंगे। महिलाओं का मानना हैं कि महिला प्रधान होने से महिलाओं के आर्थिक व सामाजिक उत्थान पर प्राथमिकता से ध्यान दिया जाएंगा और चुनाव के परिणाम आने के इस आटा में पहली बार इतिहास रचा जाएगा और यहां एक नई सुबह जन्म लेगी।
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