पंचायत चुनाव निशाने पर, हथियार हो रहे थे तैयार, गाजियाबाद में भड़ाफोड़

गाजियाबाद पुलिस ने 3 अवैध हथियारों की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। जिसमें 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

Report :  Bobby Goswami
Published By :  Ashiki
Update:2021-04-13 19:52 IST

Photo- Social Media

गाजियाबाद: ग्राम पंचायत चुनाव को प्रभावित करने के लिए एनसीआर के गाजियाबाद में भारी मात्रा में हथियार एकत्रित कर लिए गए थे, लेकिन पुलिस ने जॉइंट ऑपरेशन के तहत बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया। गाजियाबाद पुलिस ने 3 अवैध हथियारों की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। जिसमें 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मामले में दर्जनों बने और अधबने हथियार तीनों फैक्ट्रियों से बरामद किए गए हैं। अलग-अलग थाना क्षेत्रों में यह छापेमारी की गई।एसएसपी अमित पाठक के मुताबिक पंचायत चुनाव में इन हथियारों को बेचने की तैयारी हो रही थी।

ऐसा लगा जैसे लगी हुई है हथियारों की प्रदर्शनी

गाजियाबाद के पुलिस लाइन में आज एसएसपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जहां पर इन हथियारों को प्रदर्शित किया गया। देख कर ऐसा लगता था जैसे मानो कोई हथियारों की प्रदर्शनी लगी हो।हथियार तीन अलग-अलग अवैध हथियार की फैक्ट्री से बरामद किए गए हैं। पुलिस ने महज 48 घंटे की छापेमारी के दौरान ही यह बड़ी बरामदगी की है, जो एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखी जा रही है। क्योंकि अगर यह हथियार ग्राम पंचायत चुनाव में सप्लाई हो जाते,तो बड़ी गड़बड़ी चुनाव के दौरान फैल सकती थी।


करोड़ों में है कीमत

कुछ हथियार ऐसे भी हैं जो विदेशी हथियारों से मिलते जुलते हैं। लेकिन पूरी तरह से अवैध है। इन हथियारों की कीमत लाखों में में होती है। इस तरह से सभी पकड़े गए हथियारों की कीमत एक करोड़ से ज्यादा आंकी जा रही है। ना सिर्फ गाजियाबाद बल्कि अन्य जिलों में भी यह हथियार सप्लाई होने की आशंका है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि अभी तक इन्होंने कहाँ कहाँ हथियार सप्लाई किए थे।यही नहीं पुलिस के लिए यह जानना भी बड़ी चुनौती है कि इन हथियारों का खरीदार कौन है। कहीं किसी प्रत्याशी ने तो इन हथियारों को खरीदने के लिए कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया था।तभी इतनी बड़ी मात्रा में हथियार बनाए जा रहे हो।सभी सवाल पुलिस के सामने खड़े हैं। लेकिन ग्राम पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण निष्पक्ष तरीके से करवाना पुलिस के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है। जिसके तहत गिरफ्तारी काफी अहम है।

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