PFI पर बड़े खुलासे: यूपी पर मंडराया खतरा, संगठन बोला- फर्जी है पुलिस की कहानी

यूपी पुलिस और एसटीएफ ने कल लखनऊ से दो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक सामान और हथियार भी बरामद हुए हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद अब कई खुलासे हो रहे हैं।

Update: 2021-02-17 15:30 GMT
PFI पर बड़े खुलासे: यूपी पर मंडराया खतरा, संगठन बोला- फर्जी है यूपी पुलिस की कहानी

लखनऊ: यूपी पुलिस और एसटीएफ ने कल लखनऊ से दो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक सामान और हथियार भी बरामद हुए हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद अब कई खुलासे हो रहे हैं। पुलिस का दावा है कि ये दोनों लखनऊ को दहलाने की साजिश रच रहे थे। वहीं, पीएफआई ने पुलिस के दावे को नकारते हुए झूठी कहानी बनाने की बात कही है।

भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद

एसटीएफ के मुताबिक, गिरफ्तार दोनों संदिग्धों से भारी मात्रा में विस्फोटक सामान और हथियार भी बरामद किए गए हैं। साथ ही इनके पास से 16 एक्सप्लोसिव डिवाइस, एक पिस्तौल, 7 कारतूस, 2 पेन ड्राइव, 12 रेलवे टिकट, पैन कार्ड, एटीएम, डीएल, आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं। यूपी पुलिस ने दावा किया है कि पीएफआई कई हिंदू संगठनों के बड़े नेताओं पर हमले की साजिश रच रहा है। उनकी कोशिश है कि यूपी और देश को अशांती फैलाई जाए। साथ ही पुलिस का ये भी कहना है कि पीएफआई अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए एक वर्ग के युवकों का ब्रेनवॉश करता रहा है। उनको हथियारों की ट्रेनिंग भी दी है ताकि वो हमले को अंजाम दे सके।

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खूंखार आर्गेनाईजेशन में तब्दील हो चुका है पीएफआई

यूपी एटीएस के आईजी के मुताबिक पीएफआई अब एक खूंखार आर्गेनाईजेशन में तब्दील हो चुका है। उन्होंने कहा कि अब सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क हो जाना चाहिए। इन लोगों ने कई स्क्वाड बना रखे हैं, उन्हें आर्म्स की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं, यह कोई सामाजिक काम नहीं है, इस गिरफ्तारी से काफी जानकारियां मिली हैं।

पीएफआई बताया फर्जी

वहीं, दूसरी ओर पीएफआई ने इस गिरफ्तारी को फर्जी बताया है। पीएफआई ने बयान जारी करते हुए कहा कि आतंकवादी हमले की बेतुकी और फर्ज़ी कहानी बनाकर अंशाद और फिरोज़ की गिरफ्तारी की हम निंदा करते हैं, दोनों ही लोग केरल के रहने वाले हैं और उन्होंने संगठन के विस्तार के लिए पश्चिम बंगाल और बिहार का दौरा किया था।

पीएफआई ने यूपी पुलिस के दावे को झूठा बताया है और कहा कि दोनों युवक 11 फरवरी की सुबह 5:40 बजे कटिहार, बिहार से मुंबई के लिए ट्रेन में सवार हुए थे, उनके परिवार के मुताबिक 11 फरवरी की शाम को उनसे आखिरी बार बात हुई थी, उसके बाद से ही उनका फोन पहुंच से बाहर बताने लगा था, घर वालों ने 16 फरवरी की सुबह को केरल के एक स्थानीय थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई।

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यूपी पुलिस के दावे को झूठा बताते हुए पीएफआई ने कहा कि 11 फरवरी को अंशाद और फिरोज़ की गिरफ्तारी और 16 फरवरी को उन्हें मीडिया के सामने पेश करना ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे’’ का फर्ज़ी बयान तैयार करने की यूपी सरकार की एक और कोशिश है। साथ ही कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार की इन कोशिशों से पॉपुलर फ्रंट डरने वाला नहीं है।

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