UP Political Story: पुरानी फाइल से! व्यथा सुनाने आए सांसदों से रामप्रकाश ने खुद ही सहयोग मांगा

UP Political Story: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद रामप्रकाश ने कुछ दिन पहले अपने विधानसभा आवास पर एक बैठक बुलाकर सांसदों को अपने दुःख का ब्योरा दिया था। इस बैठक में रामप्रकाश ने अपनी व्यथा सुनाई और उन सांसदों से सहयोग मांगा जो उन्हें समझते हैं।

Update:2023-05-10 17:08 IST
up chief minister ram prakash gupta (social media)

UP Political Story: नई दिल्ली, 27 जुलाई, 2000, शिकायतों का पुलिंदा बांधे भाजपा सांसदों को आज भी मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्त की ओर से आश्वासनों के सिवाय और कुछ हाथ नहीं लगा। इसके उलट अपनी व्यथा सुनाने आए प्रदेश के सांसदों से मुख्यमंत्री ने खुद ही सहयोग मांगा।

मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के विकास की सकारात्मक छवि प्रस्तुत करने और केंद्र के सहयोग से प्रदेश में चलाई जा रही परिस्थितियों के लिए धन आवंटित करने में सांसदों से पैरवी करने की अपील की। सांसदों के साथ मिल बैठकर बात करेंगे, उनकी शिकायत सुनेंगे और उसका निस्तारण करेंगे, इस आश्वासन के साथ तीन माह पहले किया गया वादा मुख्यमंत्री ने आज पार्टी सांसदों के साथ मिल बैठकर तो पूरा कर लिया । लेकिन भोज के बाद बाहर निकले सांसदों को मुख्यमंत्री के आश्वासन पर भरोसा नदारद था।

बैठक में मुख्यमंत्री ने दक्षिण के राज्यों के सांसदों का उदाहरण देते हुए कहा कि हम सभी को इन प्रदेशों के सांसदों से सबक सीखना चाहिए कि वह किस तरह केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर अपने राज्य की विकास की योजनाओं को पूरा कराते हैं। मानव संसाधन मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने पार्टी के सांसदों को आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री के साथ मुलाकातों का यह सिलसिला चलता रहेगा।
चार सौ रूपये प्रति प्लेट के गेलार्ड के लजीज खाने के बाद अधिकतर सांसदों की शिकायतें जहां की तहां दिखीं। खुर्जा के सांसद अशोक प्रधान ने नोएडा व ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति का मुद्दा उठाया और कहा इसका निदान न होने से क्षेत्र का विकास अवरूद्ध हो जाएगा।

इस बैठक में भूतल परिवहन मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे जिनका नाम लिए बिना मुख्यमंत्री सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी कर चुके हैं कि दिल्ली में बैठे लोग उनकी कुर्सी हिलाते रहते हैं। बैठक में प्रदेश प्रभारी गोविंदाचार्य ने यह सुझाव दिया कि विकास से संबंधित स्थानीय समस्याओं को दूर करने के लिए स्थानीय स्तर पर पूर्व विधायकों, सांसदों और पार्टी के पूर्व पदाधिकारियों को लेकर एक समूह बनाया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्त के शब्दों में यह स्नेह मिलन दिल्ली में अगस्त माह के किसी बृहस्पतिवार को ही किया जाएगा। आज दिन के 11.30 बजे यहां पहुचने के बाद मेजबान मुख्यमंत्री रसोईघर गए और तैयारियों का खुद जायजा लिया।

उनसे दोपहर में एमडीएमके अध्यक्ष एम. वाइको ने भेंट की और उन्हें शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। गुजरात के सांसद अजीत भाई मेहता के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने भी मुलाकात की। श्री जोशी से एकांत वार्ता करने के लिए पूर्व निर्धारित समयानुसार शाम 5.30 बजे खुद ही उत्तर प्रदेश भवन गये। सांसदों के साथ मुख्यमंत्री की सामूहिक बैठक तो 8.15 बजे शुरू हो पाई लेकिन पूरे दिन भाजपाई सांसद उनसे बारी-बारी से अपनी सुविधानुसार मिलते रहे। सतत संपर्क के आश्वासन के बाद भोज के लिए जुटे सांसदों ने रात 9.25 बजे प्रीति भोज आरंभ किया। सांसद टी.एन. चतुर्वेदी चाट खाकर गए थे । इसलिए उन्हें फिर कुल्फी पर संतोष करना पड़ा। राजनारायण पासी दाल रोटी खाकर रह गये। राम नगीना मिश्र परहेजी खाना खाते हैं इसलिए उन्हें काफी बच बचकर खाना खाना पड़ा। सांसद मनोज सिन्हा छक कर खाए। दीनानाथ मिश्र अपने घर आकर खाए। दावत में वह सूप पीकर रह गये थे। लोकतांत्रिक कांग्रेस के सांसद जय प्रकाश और चंद्र विजय सिंह भोज में आमंत्रित न किए जाने से क्षुब्ध थे। उन्होंने कहा कि पता नहीं क्या कारण है। मुख्यमंत्री क्या सोचते हैं? यह कहने पर कि भोज में मेजबान की ओर से लोकां अध्यक्ष नरेश अग्रवाल उपस्थित थे, सांसदों ने कहा, ‘फिर तो हमारा कोटा पूरा हो गया।’
(मूल रूप से दैनिक जागरण के नई दिल्ली संस्करण में दिनांक- 28 जुलाई, 2000 को प्रकाशित)

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