UP Politics: जल्द ही हाथ का साथ छोड़कर साइकिल की सवारी करेगें इमरान मसूद

UP Politics News: कांग्रेस नेता इमरान मसूद जल्द ही समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। इमरान मसूद की दो बार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात हो चुकी है।

Published By :  Deepak Kumar
Update: 2022-01-08 14:59 GMT

कांग्रेस नेता इमरान मसूद। (Social Media) 

UP Politics News: राजनीतिक दलों में एक दल से दूसरे दल में जाने की होड़ में पश्चिमी उत्तरप्रदेश (Western Uttar Pradesh) का एक और बडा नाम शामिल होने जा रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) के एक राजनीतिक परिवार से जुडे़ और कांग्रेस नेता इमरान मसूद (Congress leader Imran Masood) जल्द ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हो सकते हैं। इस समय वह कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव है और पूर्व में विधायक भी रह चुके हैं। इमरान मसूद (Congress leader Imran Masood) की दो बार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav) से मुलाकात हो चुकी है। 

समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले सकते हैं इमरान मसूद

हांलाकि इसके पहले वह बसपा (BSP) में शामिल होने का प्रयास कर चुके हैं। चर्चा है कि इमरान मसूद (Congress leader Imran Masood) एक दो रोज में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सदस्यता ले सकते हैं।  इमरान मसूद (Congress leader Imran Masood) की छवि एक बेहद कट्टर मुस्लिम नेता के तौर कही जाती है। उनके चाचा रशीद मसूद एक बेहद साफ सुथरी इमेज वाले नेता थें और केन्द्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश (Western Uttar Pradesh) के बेहद लोकप्रिय नेता हैं। वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 2007 के चुनाव में कैबिनेट मंत्री जगदीश राणा (Cabinet Minister Jagdish Rana) को हरा कर चर्चा में आए थें।

2014 लोकसभा चुनावों में गैर भाजपा दलों में टिकट पाने की थी कोशिश

इमरान मसूद (Congress leader Imran Masood) बसपा (BSP) में आने की भी कोशिश करते रहे। इसके पहले उन्होंने 2014 लोकसभा चुनावों में गैर भाजपा दलों में टिकट पाने की कोशिश की थी।  लेकिन टिकट उनकी बजाए उनके चचरे भाई शादान मसूद को मिल गया था। बाद में  इमरान (Congress leader Imran Masood) ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। इस चुनाव में उनका एक पुराना वीडियो भी वायरल हुआ था जिसे लेकर साम्प्रदायिक राजनीति भी काफी गरम हुई थी। साथ ही कांग्रेस की भी काफी आलोचना हुई थी। लेकिन बाद में कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें दिल्ली का प्रभारी भी बनाया था। कांग्रेस में रहते हुए वह राहुल और प्रियंका के नजदीकी भी रहे हैं।

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