UP Rajya Sabha Election: भाजपा ने संजय सेठ को बनाया 8वां उम्मीदवार, सपा की मुश्किलें बढ़ीं, पार्टी में कलह के बीच अखिलेश के सामने बड़ी चुनौती

UP Rajya Sabha Election: भाजपा को अपने आठवें उम्मीदवार की जीत के लिए राजा भैया की पार्टी के दो सदस्यों को जोड़ने के बाद भी 14 अतिरिक्त मतों की व्यवस्था करनी होगी जो कि आसान नहीं माना जा रहा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-02-15 13:24 IST

Sanjay Seth (Photo: Ashutosh Tripathi)

UP Rajya Sabha Election: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में भाजपा सपा की मुश्किलें बढ़ाती हुई दिख रही है। भाजपा की ओर से सात उम्मीदवार पहले ही नामांकन दाखिल कर चुके हैं और अब पार्टी की ओर से आठवां उम्मीदवार भी उतार दिया गया है। गुरुवार को आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ ने नामांकन दाखिल किया। समाजवादी पार्टी में बढ़ती कलह के बीच भाजपा का यह कदम सपा मुखिया अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ाने वाला साबित होगा।

हालांकि भाजपा को अपने आठवें उम्मीदवार की जीत के लिए राजा भैया की पार्टी के दो सदस्यों को जोड़ने के बाद भी 14 अतिरिक्त मतों की व्यवस्था करनी होगी जो कि आसान नहीं माना जा रहा है। दूसरी ओर सपा मुखिया अखिलेश यादव के सामने स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल की नाराजगी के बाद अपनी पार्टी के वोटों को एकजुट रखने की बड़ी चुनौती होगी।

भाजपा को करनी होगी 14 अतिरिक्त मतों की व्यवस्था

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए 37 वोटों की जरूरत है। मौजूदा समय में भाजपा के पास 252 विधायकों की ताकत है और घटक दलों के विधायकों को मिलाने पर यह संख्या 271 हो जाती है। राष्ट्रीय लोकदल के 9 विधायकों को भी जोड़ दिया जाए तो यह संख्या 280 तक पहुंच जाती है। ऐसी स्थिति में अपने आठवें उम्मीदवार को जिताने के लिए भाजपा को 16 अतिरिक्त मतों की जरूरत है।

यदि राजा भैया की पार्टी के दो विधायकों को भी जोड़ दिया जाए, तब भी भाजपा को 14 अतिरिक्त मतों की व्यवस्था करनी होगी जो कि पार्टी नेताओं के लिए आसान साबित नहीं होगा। यही कारण था कि पार्टी की ओर से सात उम्मीदवार घोषित किए गए थे मगर पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से आठवां उम्मीदवार उतारने के लिए दबाव बनाया गया है।

सात उम्मीदवार पहले ही कर चुके हैं नामांकन

भाजपा की ओर से घोषित किए गए सातों उम्मीदवार सुधांशु त्रिवेदी, आरपीएन सिंह, साधना सिंह, संगीता बलवंत बिंद, चौधरी तेजवीर सिंह, अमरपाल मौर्य और नवीन जैन पहले ही पार्टी की ओर से नामांकन दाखिल कर चुके हैं। पार्टी प्रत्याशियों के नामांकन दाखिले के समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब संजय सेठ के रूप में भाजपा की ओर से आठवां उम्मीदवार उतारने की तैयारी है ताकि सपा की अंदरूनी कलह का फायदा उठाया जा सके।

सपा ने तीन प्रत्याशियों को उतारा

दूसरी ओर समाजवादी पार्टी की ओर से जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन को राज्यसभा चुनाव में उतारा गया है। सपा की ओर से जया बच्चन को लगातार पांचवीं बार राज्यसभा भेजा जा रहा है। पार्टी के तीनों प्रत्याशियों ने मंगलवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव की मौजूदगी में विधान भवन में अपना नामांकन दाखिल किया था।

हालांकि सपा की ओर से तीनों प्रत्याशियों का नाम घोषित किए जाने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल की नाराजगी भी सामने आई थी। सिराथू से सपा विधायक पल्लवी पटेल का कहना है कि सपा प्रत्याशियों में पीडीए समीकरण का ख्याल नहीं रखा गया है और इसलिए वे पार्टी प्रत्याशियों को वोट नहीं देगी।

सपा में कलह से अखिलेश के सामने बड़ी चुनौती

प्रदेश विधानसभा में सपा के पास 108 विधायकों की ताकत है। कांग्रेस के दो विधायकों के समर्थन को जोड़ लिया जाए तो पार्टी के पास 110 मतों की ताकत है। सपा को अपने तीनों उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए 111 मतों की जरूरत है मगर पार्टी में अंदरूनी कलह को देखते हुए यह काम आसान नहीं माना जा रहा है।

भाजपा की ओर से आठवां उम्मीदवार उतारने की स्थिति में सपा मुखिया अखिलेश यादव के सामने बड़ी चुनौती पैदा हो जाएगी। जोड़-तोड़ की राजनीति में पार्टी के सभी विधायकों को एकजुट रखना अखिलेश यादव के लिए आसान साबित नहीं होगा। सियासी जानकारों का मानना है कि आठवां उम्मीदवार उतारकर भाजपा सपा की मुश्किलें बढ़ाएगी और सपा में बढ़ती कलह के बीच पार्टी को एकजुट बनाए रखना अखिलेश यादव के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा।

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