लखनऊ: पीएम मोदी की सोशल मीडिया पर लोगो की मदद की खबरे आये दिन आया करती है। जब वो मदद की गुहार लगा रहे लोगो की मदद करने का भरोसा देते है और जल्द से जल्द उन्हें मदद दी भी जाती है। इस बार यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बेटी की गुहार पर कोमा में चले गए उसके पिता का सरकारी खर्च पर इलाज कराने का आदेश दिया है। यह मामला ट्विटर के माध्यम से उन तक पहुंचा था।
सहारनपुर के गंगोह गांव अलीपुरा गाँव की ईशू के पिता अरूण सड़क दुर्घटना का घायल हो गए थे जिसके बाद से ही वो पिछले एक साल से कोमा में हैं। बेटी ईशु ने प्रधानमंत्री को लिखे गए मार्मिक ख़त में बताया कि घर के सारे रूपये पिता के इलाज में खर्च हो चुके है। अब इलाज तो दूर घर दाने- दाने को मोहताज है।
सोशल नेटवर्किंग साईट ट्विटर पर इशु ने कोमा में चले गए उसके पिता अरुण कुमार की तस्वीर के साथ पीएम को लिखी गई चिट्ठी टैग की थी। बच्ची ने चिट्ठी में लिखा है कि ''मेरे पापा एक साल से कोमा में हैं। सड़क दुर्घटना के वक्त उनके सिर में गहरी चोट लग गई थी। घर में पैसे नहीं होने के कारण उनका सही तरीके से इलाज नहीं करा पा रहे हैं।''
बच्ची ने आगे लिखा कि ''मैं अपने बीमार पापा, मम्मी और एक साल के छोटे भाई के साथ कच्चे मकान में रहती हूं। आपसे प्रार्थना है कि मेरे पापा का इलाज सरकारी संस्थान में कराएं।''
ईशु के ख़त को मुख्यमंत्री योगी ने पढ़ने के बाद तुरंत सहारनपुर के जिलाधिकारी प्रमोद कुमार पांडेय को बच्ची के पिता के उपचार के लिए अविलंब इलाज की व्यवस्था करने का आदेश दिया।
दरअसल, ईशु के पापा अरुण परिवार में इकलौता कमाने वाले शख्स थे। दुर्घटना से 15 दिन पहले ही उनकी पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया था। बेटी ईशु उस समय पांच साल की थी। अरुण के घर में अब कमाने वाला कोई नहीं है। उसके मकान की हालत यह है कि छत कब गिर जाये, कुछ नहीं कह सकते। दुर्घटना के बाद अरुण की पत्नी ने जगाधरी में उनका उपचार कराया, लेकिन गंभीर हालत के चलते उनको वहां से पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। जिसके बाद से ही पैसों की कमी के चलते उसका इलाज नहीं हो पा रहा था।