UP News: स्वामी प्रसाद मौर्य के पूर्व निजी सचिव के करीबी को चार अन्य के साथ STF ने किया गिरफ्तार
UP News: रेलवे की डाक सेवा का कर्मचारी नौकरी के नाम पर ठगी का गिरोह चल रहा था। आरोपी अपने तीन सहयोगियों के साथ लखनऊ के चारबाग में युवक से नौकरी के नाम पर रुपए लेने वाला था।
Fraud In Job: रेलवे की डाक सेवा का कर्मचारी नौकरी के नाम पर ठगी का गिरोह चला रहा था। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव रहे अरमान खान के सहयोगी समीउल को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। समीउल पूर्व में गिरफ्तार हो चुके अरमान के साथ मिल कर बेरोजगार युवकों को नौकरी के नाम पर ठगता था, यही नहीं तत्कालीन मंत्री स्वामी प्रसाद के कार्यालय में फर्जी इंटरव्यू कर नियुक्ति पत्र भी देता था।
शुक्रवार को वो अपने तीन सहयोगियों के साथ लखनऊ के चारबाग में आया हुआ था। यहां वो किसी युवक से नौकरी लगवाने के नाम पर रुपए लेने वाले थे। तभी एसटीएफ की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि राहुल सिंह निवासी थाना लोहता वाराणसी, पवन वर्मा निवासी नवाबगंज, बाराबंकी, अजीत सिंह निवासी घोसी, मऊ और अंकित श्रीवास्तव पुत्र बृजनाथ लाल श्रीवास्तव, निवासी राजाजीपुरम लखनऊ को गिरफ्तार किया गया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य के पूर्व निजी सचिव के करीबी को चार अन्य के साथ STF ने किया गिरफ्तार
एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम ने बताया कि साल 2022 को हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें आरोप था कि योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के निजी सचिव रहे अरमान खान ने दर्जनों बेरोजगार युवकों से नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी की थी। इस मामले में सरगना अरमान खान व उसके 4 साथी फैजी, असगर, विशाल, अमित को पूर्व में ही गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में एक अन्य आरोपी बस्ती निवासी समीउल हक अंसारी फरार था। जिसे शुक्रवार को बस्ती से गिरफ्तार किया गया है।
एसएसपी के मुताबिक गिरफ्तार राहुल सिंह ने पूछताछ में बताया कि पवन वर्मा, रेलवे डाक विभाग में रेलवे मेल सर्विसेस के जीपीओ में पोस्ट है। वो आकांक्षा श्रीवास्तव और मोहित खरे, जो इस गिरोह के सदस्य हैं, के माध्यम से फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार कराता है। रेलवे और डाक विभाग से सम्बन्धित यदि कोई व्यक्ति आता है तो उनसे बातचीत करने के लिए पवन वर्मा को उस विभाग का बड़ा अधिकारी बनाकर डीलिंग करता था।
गैंग के सदस्य अलग अलग विभाग के अधिकारी बनते थे
राहुल ने बताया की खाद्यनिगम और आईआरसीटीसी विभाग में भर्ती से सम्बन्धित यदि कोई व्यक्ति आता था तो उसे बस्ती निवासी आनन्द मिश्रा डील करता था। एसबीआई, सीआईसीएफ विभाग में भर्ती से सम्बन्धित कार्य के लिए बरेली निवासी कुलवीर सिंहानिया व राजस्थान निवासी महिपाल डील करते थे। यह सभी लोग सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर 5 लाख से 20 लाख रूपये प्रति व्यक्ति लेते थे।
रूपया इकट्ठा हो जाने के बाद समीर जो झारखण्ड का निवासी है और इस गिरोह का मुख्य सरगना है, से सम्पर्क कर इन रूपयों को आपस में बराबर-बराबर बांट लेते थे। एसएसपी ने बताया कि मुख्य सरगना समीर, आकांक्षा श्रीवास्तव, मोहित खरे, आनन्द मिश्र, कुलवीर सिंहानिया व महिपाल की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।