लखनऊः रामगोविन्द चौधरी अब भी बेसिक शिक्षा विभाग के मंत्री हैं। आपको सुनकर अजीब लगा होगा। बेसिक शिक्षा विभाग की वेबसाइट यही बता रही है। वह भी तब जब समाजवादी पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं का एक बड़ा तबका आगामी चुनाव में सीएम अखिलेश को डिजिटल सीएम के तौर पर पेश कर रहा है। ऐसे में वरिष्ठ मंत्रियों और अफसरों की यह नाफरमानी सपा पर भारी पड़ सकती है।
यह भी पढ़ें... अखिलेश ने कहा- गर्व से कहो हम समाजवादी हैं, नारा लगा भारत माता की जय
पांच महीने पहले अहमद हसन को मिला था बेसिक शिक्षा विभाग
बीते 31 अक्टूबर को अखिलेश सरकार ने अपने मंत्रिपरिषद का चौथा विस्तार किया था। इसमें आठ मंत्रियों को बर्खास्त किया गया था और नौ मंत्रियों के विभाग बदले गए थे। इसी फेरबदल में अहमद हसन से स्वास्थ्य विभाग लेकर उन्हें बेसिक शिक्षा विभाग का मंत्री बनाया गया था।
उस समय इस विभाग की जिम्मेदारी बतौर मंत्री रामगोविन्द चौधरी के पास थी। पर सरकार के इस परिवर्तन का असर विभागीय वेबसाइट पर नहीं पड़ा। वह अब भी रामगोविन्द चौधरी को ही बेसिक शिक्षा मंत्री बता रही है।
हीरालाल गुप्ता अब भी विभागीय सचिव !
इतना ही नहीं वेबसाइट अब भी हीरालाल गुप्ता को ही विभागीय सचिव बता रही है। वेबसाइट पर यह भी बाकायदा दर्ज है कि यह 17 जुलाई 2014 तक की स्थिति है। जानकारों का कहना है कि इससे साफ हो जाता है कि लगभग दो साल से विभागीय वेबसाइट एक "डमी" वेबसाइट की तरह काम कर रही है।
सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं सीएम पर विभागों की वेबसाइट अपडेट तक नहीं
आपको बता दें कि सीएम अखिलेश यादव स्वयं सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। उनके ज्यादातर फैसलों की जानकारी ट्वीटर के जरिए ही लोगों तक पहुंचती है। पर यूपी के सरकारी विभाग इसमें कई कदम पीछे हैं। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना तो दूर वह अपडेट तक नहीं हैं।