बिजली स्मार्ट मीटर UAT में 40 फीसदी घोटाला, ऊर्जा मंत्री से प्रोजेक्ट बंद करने की मांग
यूजर एक्सेप्टेंस टेस्ट में भारी कमिया सामने आते ही 12 लाख स्मार्ट मीटर को अबिलम्ब हटाने की उपभोक्ता परिषद् ने मांग उठाई है। इसके साथ ही प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की।
लखनऊ- पूरे प्रदेश में लगे स्मार्ट मीटर यूजर एक्सेप्टेंस टेस्ट UAT में भारी कमियां सामने आई हैं। जिसके बाद उपभोक्ताओं के बीच हड़कंप मच गया। केवल 60 प्रतिशत UAT Test में परियोजना पास 40 प्रतिशत टेस्ट में भारी कमिया मिलीं, जबकि ऐसी परियोजना में 95 प्रतिशत UAT टेस्ट में पास होना जरूरी है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में यूजर एक्सेप्टेंस टेस्ट में भारी कमिया सामने आते ही 12 लाख स्मार्ट मीटर को अबिलम्ब हटाने की उपभोक्ता परिषद् ने मांग उठाई है। इसके साथ ही प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से की मुलाकात की औरर दोषियों पर कठोर कार्रवायी की मांग की। वहीं कहा कि इस प्रकार की परियोजना सरकार बंद करे।
उपभोक्ता के बीच मची हड़कंप-
यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा से शक्ति भवन स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात कर लम्बी चर्चा की। जनहित प्रस्ताव सौंपते हुए यह मांग उठायी गई कि अब यूजर एक्सेप्टेंस टेस्ट यूएटी में पूर्णतया पास न होने के बाद सरकार को EESL के खिलाफ कठोर से कठोर कदम उठाए। सरकार यह परियोजना बंद कर लगे लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर को उतरवाना चाहिए, जिससे उपभोक्ताओ का विश्वास बना रहे।
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ऊर्जामंत्री और उपभोक्ता आमने-सामने-
उपभोक्ता परिषद् ने ऊर्जामंत्री के सामने विस्तार से यह मुद्दा उठाया कि पहले पूरे प्रदेश में बिना यूजर एक्सेप्टेंस टेस्ट यूएटी किए बिना ही लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर पूरे प्रदेश में लगवा दिए गये, जो केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा जारी स्मार्ट मीटर गाइड लाइन का उल्लंघन भी किया है।
उपभोक्ता परिषद् आज जो खुलाशा करने जा रहा है वह बहुत ही गंभीर मामला है। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन के निर्देश पर बनी मध्यांचल प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में बनी 9 सदस्यों वाली यूजर एक्सेप्टेंस टेस्ट यूएटी कमेटी की रिपोर्ट में बड़ा खुलाशा हुआ है। स्मार्ट मीटर परियोजना में सॉफ्टवेयर से लेकर एचईएस, एमडीएम सिक्योर्टी मीटर सहित यूएटी में लगभग 775 टेस्ट किए गये, जिसमे केवल स्मार्ट मीटर परियोजना यूएटी 462 टेस्ट ही पास कर पायी यानि केवल 60 प्रतिशत यूएटी टेस्ट पास कर पायी।
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जबकि 95 प्रतिशत टेस्ट पास होना जरूरी होता है 35 से 40 प्रतिशत यू0ए0टी0 टेस्ट में भारी कमिया सामने आयी है। जो सिद्ध करता है की सिस्टम चलने योग्य नहीं जब तक इसमे सुधार न किया जाय ।
यूजर एक्सेप्टेंस टेस्ट में कमिया-
यू0ए0टी0 189 टेस्ट में बहुत से कमिया है और उस पर बहुत काम करना होगा । अगर आर0एफ0पी के बाहर की बात करे तो खुद ईईएसएल मान रहा केवल 52 अतिरिक्त आवश्यकता है मलतब जो वर्तमान परिस्तिथि में बदलाव बहुत जरूरी है । ऐसे में 60 प्रतिशत केवल टेस्ट यू0ए0टी0 पास होना बड़ा सवाल है । वही दूसरी तरफ अब यह देखना भी की यह टेस्ट कब तक चलता है फिलहाल यह रिपोर्ट 3 फरवरी से अब तक टेस्ट पर आधारित है।
यूएटी मामले में कार्रवाई-
ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा ने अभिलम्ब उपभोक्ता परिषद् के जनहित प्रस्ताव पर चेयरमैन पावर कार्पोरेशन का परीक्षण कर कार्यवाही करने का निर्देश दिया और कहा बिना यूजर एक्सेप्टेंस टेस्ट यू0ए0टी0 मामले पर गम्भीरता से विचार कर निर्णय लिया जाय। सरकार उपभोक्ताओं के साथ है कोई दोषी बचने वाला नहीं है ।
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चाहे वह भार जंपिंग का मामला हो या स्मार्ट मीटर तेज चलने का मामला हो या फिर जन्माष्टमी के दिन लाखों स्मार्ट मीटर बंद होने का मामला हो या फिर सीपीआरआई में स्मार्ट मीटर सम्बंधित हानि का मामला हो या फिर बकाये पर भुगतान की दशा में 2-3 दिन तक संयोजन न जुड़ने का मामला हो, सभी से उपभोक्ताओं का विश्वास स्मार्ट मीटर से उठा है । और सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह रहा की प्रबंधन की तरफ से दोषियों के खिलाफ कोई कठोर कार्यवाही अभी तक नहीं किया जा रहा है।
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