UPPCS Association : पदाधिकारियों के आईएएस बनने से पीसीएस एसोसिएशन के अस्तित्व पर संकट
UPPCS Association : पीसीएस संवर्ग के पदाधिकारियों के आईएएस संवर्ग में प्रमोशन होने के कारण यह अपने अस्तित्व को लेकर संकट में हैं ।
UPPCS Association : उत्तर प्रदेश के पीसीएस एसोसिएशन (UPPCS Association) पर एक बार फिर संकट के बादल छा गए हैं। कई बार विवादों में रह चुके इस एसोसिएशन में इस बार कोई विवाद तो नहीं हुआ है पर पीसीएस संवर्ग के पदाधिकारियों के आईएएस संवर्ग में प्रमोशन होने के कारण यह अपने अस्तित्व को लेकर संकट में है। अब सवाल इस बात का है कि पहले भी कई बार विवादों की भेंट चढ़ चुके पीसीएस एसोसिएशन की बागडोर संभालने के लिए कौन आगे आता है?
दरअसल, शुक्रवार को पीसीएस अधिकारियों की डीपीसी के बाद एसोसिएशन के अधिकतर पदाधिकारी अब आईएएस संवर्ग में आ गये हैं। अध्यक्ष इन्द्रमणि त्रिपाठी (indramani tripathi) के प्रमोशन के बाद संयुक्त सचिव समीर वर्मा के इस्तीफे और सचिव पवन गंगवार के साथ ही एक और संयुक्त सचिव कपिल सिंह का आईएएस संवर्ग में प्रमोशन हो गया है।
पीसीएस एसोसिएशन के संयुक्त सचिव समीर वर्मा के इस्तीफे के समर्थन में दूसरे संयुक्त सचिव कपिल सिंह ने भी इस्तीफे की पेशकस करते हुए अपने पत्र में लिखा था कि एसोसिएशन की गतिविधियों को देखते हुए मुझे भी इस्तीफा दे देना चाहिए। संवर्ग के हितों और एसोसिएशन की मजबूती के लिए दूसरी लाइन का न तैयार होना भी इस संवर्ग के नए अफसरों के भविष्य और उनके प्रति उदासीनता का परिचायक रहा है।
प्रमोशन पाने वाले इन 1999 और 2000 बैच के अधिकारियों में कई पदाधिकारी पूर्व में पीसीएस एसोसिएशन के पदाधिकारी रह चुके हैं। इनमें पवन गंगवार, दिनेश चन्द्र, समीर वर्मा और कपिल सिंह शामिल है।प्रमोशन पाने वालों में अशोक कुमार, महेंद्र प्रसाद, गौरव वर्मा, रजनीश शर्मा, मनोज कुमार राय (निदेशक महिला कल्याण), श्रीमती निधि श्रीवास्तव, खेमपाल सिंह, संजय चौहान (नगर आयुक्त मुरादाबाद), सुनील कुमार चौधरी, संतोष कुमार शर्मा (नगर आयुक्त शाहजहाँपुर), अरुण कुमार -(एडिशनल कमिश्नर बरेली), श्याम बहादुर सिंह (सीडीओ शाहजहांपुर), पवन कुमार गंगवार (सचिव एलडीए), बृजेश कुमार, हरिकेश चौरसिया, महेंद्र सिंह (विशेष सचिव राजस्व), रविन्द्र पाल सिंह (विशेष सचिव गृह), अनिल कुमार (सचिव नेडा), श्रीमती वंदना त्रिपाठी, समीर (विशेष सचिव वित्त), श्रीमती अर्चना गहरवार (सचिव पिछड़ा कल्याण), कुमार विनीत (निदेशक यूपी डेस्को), विशाल सिंह (नगर आयुक्त अयोध्या), धनञ्जय शुक्ला (विशेष सचिव नियुक्ति) और कपिल सिंह (निदेशक राज्य पोषण मिशन) का नाम शामिल है। यहां यह भी बताना जरूरी है कि वर्ष 2000 में यूपी से उत्तराखंड के अलग होने के बाद प्रदेश के कुछ अफसरों को उत्तराखंड कॉडर आवंटित हुआ था।
गौरतलब है कि 1999 और 2000 बैच के कुल 30 पीसीएस अफसरों की डीपीसी गुरुवार को हुई । जिसमें 25 अफसर आईएएस बने।,5 विभिन्न कारणों से वंचित रहे। प्रमोशन न पाने वालों में भीष्म लाल वर्मा, घनश्याम सिंह, हरीश चंद्र, श्रीप्रकाश गुप्ता और प्रभुनाथ का नाम शामिल है। प्रमोशन पाने वालों में एक पति-पत्नी भी हैं। रविन्द्र पाल सिंह और निधि श्रीवास्तव दोनों पति-पत्नी का नाम भी 25 अधिकारियों की सूची में शामिल हैं। उधर पीसीएस एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व "आईएएस प्रोन्नत मंच" के संयोजक उमेश प्रताप सिंह का कहना है कि पूर्व में एसोसिएशन में साथ काम कर चुके इन साथियों के प्रमोट हो जाने से मंच को जहां बल मिलेगा। वहीं अपने मूल कॉडर के साथियों के सम्मान व उनके हितों की रक्षा के लिए काम किया जाएगा।
यहां यह भी बताना जरूरी है कि प्रोन्नत आईएएस अधिकारियों और डायरेक्ट आईएएस अधिकारियों के बीच चली आ रही कई वर्षो की कडुवाहट भी सामने आ चुकी है। जिसके कारण दो साल पहले पीसीएस से आईएएस बने अधिकारियों ने अपना एक नया संगठन बना लिया। इसका नाम प्रोन्नत आईएएस मंच रखा गया है।
ब्यूरोक्रेसी में पिछले कई वर्षो से आईएएस अधिकारियों और प्रमोटी आईएएस अधिकारियों के बीच मनमुटाव की बातों का सामने आना कोई नई बात नहीं है। अक्सर पद को लेकर भी मनमुटाव और आरोप प्रत्यारोपों की बाते दबी जुबान से सुनने को मिलती रही हैं। कई बार कहा गया कि प्रोन्नत आईएएस अधिकारियों को आईएएस कॉडर की तरफ से हमेशा हल्का दिखाने की कोशिशें की जाती है। यह कसक बसपा और सपा सरकार में खूब देखने को मिली है।