UPSIDA देश में अव्वल, केंद्र सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में किया सूचीबद्ध

यूपी में पहली बार औद्योगिक भूखंडों की ई-नीलामी की जा रही है और इससे औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।

Update:2020-05-30 20:55 IST

श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि नई तकनीक और पारदर्शिता के लिए यूपीसीडा ने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए ई-नीलामी का एक ढांचा विकसित किया है। इसके तहत यूपीसीडा द्वारा अब तक निवेश मित्र प्लेटफॉर्म के माध्यम से 2,500 से अधिक उद्यमियों को ऑनलाइन भूमि आवंटन और भवन योजना की मंजूरी प्रदान की गई है।

पहला ऐसा औद्योगिक विकास प्राधिकरण जो ऑनलाइन सूचीबद्ध

महाना ने बताया कि यूपी में पहली बार औद्योगिक भूखंडों की ई-नीलामी की जा रही है और इससे औद्योगिक भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 19 भूखंडों के लिए ई-नीलामी आवंटन की प्रक्रिया चल रही है और प्राधिकरण के पास हर महीने विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के लिए इसी तरह की नीलामी को अंजाम देने की योजना है।

यूपीसीडा ने 154 औद्योगिक क्षेत्रों को IIS में कराया शामिल

यूपीसीडा ने 154 औद्योगिक क्षेत्रों को एकीकृत करके अपनी राष्ट्रीय उपस्थिति दर्ज कराते हुए औद्योगिक सूचना प्रणाली (आईआईएस) में इसे शामिल कराया है। उन्होंने बताया कि वाणिज्य मंत्रालय द्वारा तैयार कराया गया आईआईएस देश भर में सभी औद्योगिक भूमि का एक केंद्रीकृत ऑनलाइन डेटाबेस भंडार है। इसका मुख्य उद्देश्य त्वरित आर्थिक विकास को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

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यूपी में पहला औद्योगिक विकास प्राधिकरण

औद्योगिक विकास मंत्री ने बताया कि इन सुधारों का उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण का केंद्र बनाना और स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन करना है। यूपीसीडा यूपी में पहला औद्योगिक विकास प्राधिकरण है जिसे केंद्र सरकार के इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पहल में सूचीबद्ध किया है। भारत की भौगोलिक सूचना प्रणाली अपने फोकस क्षेत्रों के साथ-साथ राज्य भर में औद्योगिक पार्कों/ क्लस्टर्सशीट का विवरण प्रदान करती है। सामान्य सुविधाओं के केंद्रों, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, संपर्क मार्ग/राष्ट्रीय राजमार्ग, हवाई अड्डे, बंदरगाहों और रेलवे स्टेशनों की उपलब्धता को भी दर्शाती है।

बैंक, फायर स्टेशन, अस्पताल, बिजली, पानी आदि की जानकारी इस प्लेटफॉर्म पर

इसके अलावा भूमि की पट्टे की कीमत, पर्यावरण मंजूरी, प्रत्येक पार्क में भूखंडों की कुल संख्या, भूखंड का औसत आकार, आवंटियों के लिए उपलब्ध भूखंडों की संख्या, कब्जे वाले भूखंडों की संख्या, शुद्ध उपलब्ध भूमि, औद्योगिक क्षेत्र, पुलिस स्टेशन का विवरण भी प्रदर्शित करता है। साथ ही बैंक, फायर स्टेशन, अस्पताल, बिजली, पानी आदि की जानकारी भी इस प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है।

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महाना ने बताया कि उद्यमों को विभिन्न मंजूरी जारी करने में ह्यूमन इंटरफेस को कम करके कंप्यूट्रीकृत प्रणाली को अपनाए जाने विशेष बल दिया गया है।

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