शाहजहांपुर में रहस्यमयी बुखार से एक ही परिवार के 5 सदस्यों की मौत
आज भी हमारे देश में इतनी ज्यादा गरीबी है कि मरने के बाद अंतिम संस्कार करने के लिए आज भी चंदा इकट्ठा करना पड़ता है। ताजा मामला यूपी के शाहजहांपुर का है। जहां पिछले आठ दिन में बुखार आने के बाद सूजन से एक ही परिवार के पांच लोगो की मौत हो गई।
शाहजहांपुर: आज भी हमारे देश में इतनी ज्यादा गरीबी है कि मरने के बाद अंतिम संस्कार करने के लिए आज भी चंदा इकट्ठा करना पड़ता है। ताजा मामला यूपी के शाहजहांपुर का है। जहां पिछले आठ दिन में बुखार आने के बाद सूजन से एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत हो गई।
मरने वालो में एक ही परिवार के पति-पत्नी दो बेटे और एक बेटी है। शनिवार बीती रात ही घर के मुखिया की मौत हुई है। घर में दो बेटियां बची है वो भी बुखार की चपेट है। पिता के अंतिम संस्कार के लिए बच्चों के पास पैसे नहीं थे जिसके चलते चंदा इकट्ठा कर अंतिम संस्कार किया गया।
क्या था मामला?
दरअसल, थाना जलालाबाद के धियेंरा गांव का मामला है। यहां के रहने वाले इकरार शाह अपने परिवार के साथ छोटे से घर मे रहते है। उनके साथ मे उनकी 50 साल की पत्नी मिसगीना दस साल का दिव्यांग बेटा जाकिर शाह, 18 साल का बेटा आकिल, 9 साल की बेटी शबीना, 15 वर्षिय अनम, सलमा और दो माह की फिदा है। आठ दिन पहले दस के दिव्यांग बेटे जाकिर शाह को तेज बुखार आया और शरीर में सूजन आ गई जिसके बाद पिता ने गांव मे ही इलाज कराया जिसके बाद उसकी मौत हो गई। उसके बाद उसकी मां 50 साल की मिसगीना को तेज बुखार आया उसके भी शरीर पर सूजन आ गई उसके बाद उसकी भी मौत हो गई। उसकी बाद 18 साल का बेटे आकिल को भी बुखार आने से मौत है गई। घर मे तीन मौत हो जाने पर घर के मुखिया इकरार शाह जैसे टूट सा गया। इकरार शाह ने सोचा कि अब इस गांव मे नही रहेंगे। जैसे तैसे करके इकरार शाह ने तीनो का गांव मे शवों को सुपुर्दे खाक कर दिया।
तीन मौतों के बाद इकरार शाह टूट गया था। इकरार शाह अपनी पत्नी, और दो बेटो की मौत के बाद उसने अपना घर छोड़ दिया और दूसरे गांव मे बेटी जरीना के घर जाकर रहने लगा। लेकिन वहां भी मौत ने पीछा नहीं छोड़ा दो दिन पहले दस साल की बेटी शबीना को भी बुखार आ गया बुखार ने उसकी भी जान ले ली। उसको भी दफना दिया गया। लेकिन इकरार बिल्कुल टूट चुका था। घर मे बची दो बेटियां और इकरार को भी बुखार ने अपनी चपेट में ले लिया। उसके बाद इलाज के लिए इकरार के पास पैसे नहीं थे तो रिश्तेदारों ने चंदा इकट्ठा कर मदद की तो बेटियों और इकरार की जांच हो सकी। लेकिन बीती रात इकरार शाह की भी बुखार के चलते मौत हो गई। अब परिवार मे सिर्फ दो बेटियां बची है।
कफन लाने तक के नहीं थे पैसे
दरअसल, पिछले आठ दिन में इकरार शाह की पत्नी मिसगीना और उसके दो बेटे और एक बेटी की बुखार से मौत हो गई थी। बीती रात बुखार आने से इकरार शाह की भी मौत हो गई। जिसके बाद परिवार मे बची दो बेटियों के पास इतने पैसे नहीं है कि वह अपने पिता के लिए कफन खरीदकर ला पाए। सुबह होते ही पीड़ित के कुछ रिश्तेदार और गांव वालो की मदद से कफन लाने के लिए चंदा इकट्ठा किया गया।
क्या कहा ग्रामीणों ने
ग्रामिणों ने बताया कि पिछले आठ दिन मे इस परिवार मे पांच मौत हो चुकी है। मौते बुखार से और शरीर के सूजन आने के बाद हुई है, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने इस गांव मे मेडिकल कैंप नहीं लगाया है। साथ ही इनकी मदद के लिए जिला प्रशासन से लेकर कोई नेता भी अभी तक नहीं आया है।