यूपी ने रचा इतिहासः कोरोना को हराने के लिए देश को दिया सेनेटाइजर
कोरोना संक्रमण आने के बाद जब पूरा देश सेनेटाइजर को लेकर परेशान था तो ऐसे में सबसे बड़े गन्ना उत्पादन करने वाले प्रदेश यूपी ने सं खुद अपने प्रदेश के लोगों को सेनेटाइजर उपलब्ध कराया बल्कि दूस्रे राज्यों में इसे उपलब्ध करने का काम किया। उत्तर प्रदेश की 85 इकाइयों में सैनिटाइजर उत्पादन होने से स्थानीय जरूरतों की पूर्ति के बाद अन्य राज्यों को आपूर्ति किया जा रहा है।
लखनऊ: कोरोना संक्रमण आने के बाद जब पूरा देश सेनेटाइजर को लेकर परेशान था तो ऐसे में सबसे बड़े गन्ना उत्पादन करने वाले प्रदेश यूपी ने सं खुद अपने प्रदेश के लोगों को सेनेटाइजर उपलब्ध कराया बल्कि दूस्रे राज्यों में इसे उपलब्ध करने का काम किया। उत्तर प्रदेश की 85 इकाइयों में सैनिटाइजर उत्पादन होने से स्थानीय जरूरतों की पूर्ति के बाद अन्य राज्यों को आपूर्ति किया जा रहा है। हाल यह है कि 1,76,66,000 लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन के बाद एक नया इतिहास बन गया है। प्रदेश में कुल उत्पादन क्षमता 6,00,000 लीटर से अधिक है। सभी इकाइयों ने 1,60,07,600 पैकिंग की मार्केट में आपूर्ति की जा चुकी है। इस समय में कुल 51,88,260 पैकिंग बिक्री उपलब्ध हैं।
कई कंपनियों को सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस
कोरोना आपदा से निपटने के प्रयास में वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सैनिटाइजर का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने कई कंपनियों को सैनिटाइजर बनाने का लाइसेंस दिया है। उत्तर प्रदेश में चीनी मिलें, डिस्टिलरी, सैनिटाइजर बनाने वाली कंपनियां और अन्य संस्थाएं सैनिटाइजर का उत्पादन कर रही हैं। ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तराखंड, चंडीगढ़, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में उत्तर प्रदेश का बना सैनिटाइजर भेजा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों, नगर निगम कर्मियों, पुलिस एवं जिला प्रशासन को निशुल्क सैनिटाइजर की आपूर्ति भी की जा रही है।
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हैंड सैनिटाइजर की मांग बढ़ी
गौरतलब है कि यूपी में 27 चीनी मिलों और 12 आसवनियों के अलावा 40 अन्य इकाइयों को सैनिटाइजर उत्पादन के लाइसेंस दिए गए हैं। हैंड सैनिटाइजर की मांग अचानक बढ़ने के कारण आपूर्ति संकट उत्पन्न न हो इसलिए सभी बंदोबस्त समय रहते कर लिए गए। इससे पूर्व छह फार्मेसियों और एक अन्य इकाई द्वारा भी सैनिटाइजर उत्पादन किया जा रहा था। इस प्रकार प्रदेश में कुल 85 इकाइयों द्वारा सैनिटाइजर का उत्पादन किया गया तो बाजार में उपलब्धता का संकट नहीं बन पाया।
श्रीधर अग्निहोत्री
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