UP: विधानसभा में विपक्ष का हमला, कहा- संविधान विरोधी है सत्ता पक्ष

बसपा के लालजी वर्मा ने कहा कि नियम है कि कम से कम 24 दिनों तक अनुदान मांगों पर चर्चा के लिए दिए जाने चाहिए। सरकार लोकतंत्र को कुचलने का काम कर रही है। यह नया इतिहास होगा।

Update:2021-03-04 17:04 IST
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार सारी सत्ता पक्ष संसदीय परंपराओं को ध्वस्त करने का काम कर रही है।

लखनऊ: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार सारी सत्ता पक्ष संसदीय परंपराओं को ध्वस्त करने का काम कर रही है। सरकार ने पूर्व में आश्वस्त किया था वह नियमतः 90 दिन सत्र चलाना चाहती है और दस मार्च तक सदन चलाने की बात पर कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सहमति बनी थी। इसके बावजूद सरकार सत्र नहीं चलाना चाहती है। यह लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है।

उन्होंने कहा कि सरकार विधायकों के अधिकारों का हनन कर रही है। विधायकों को अपनी मांगें और क्षेत्र की समस्याएं सदन में उठाने का अधिकार है, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विधायक का पंचायत चुनाव से कोई मतलब नहीं है। विधायक तो चुनकर आते हैं और वे ग्राम पंचायतों के चुनाव में दखल भी नहीं देते। लिहाजा, सदन 10 मार्च तक चलाया जाए।

''लोकतंत्र को कुचलने का काम कर रही सरकार''

बसपा के लालजी वर्मा ने कहा कि नियम है कि कम से कम 24 दिनों तक अनुदान मांगों पर चर्चा के लिए दिए जाने चाहिए। सरकार लोकतंत्र को कुचलने का काम कर रही है। यह नया इतिहास होगा। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल स्थगित करने की परंपरा कभी नहीं रही। ऐसा करना तानाशाही है।

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''विधायकों को अपनी बातें रखने का समय नहीं देना चाहती सरकार''

कांग्रेस की अराधना मिश्रा मोना ने भी विरोध करते हुए कहा कि सरकार विधायकों को अपनी बातें रखने का समय नहीं देना चाहती। यह संविधान विरोधी कदम है। यह कहते हुए सपा, बसपा के सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर गए।

कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू ने भी विरोध किया और सदस्यों के साथ सदन से बाहर चले गए। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने 20 फरवरी 2009, 12 मार्च 1991 और 11 मार्च 2006 का उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में भी ऐसा हुआ है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन और नीति आयोग ने भी कहा है कि कोरोना का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है ऐसे में सभी को सावधानी बरतनी होगी। लिहाजा, इसीलिए सदन की कार्यवाही को यथाशीघ्र पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। इस विधेयक के जरिए सरकार ने अब तक के सबसे बडे़ 5.50 लाख करोड़ का बजट पारित कर दिया गया।

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इसके साथ ही सदन में उत्तर प्रदेश पफण्डामेंटल रूल 56 संशोधन तथा विधिमान्यकरण विधेयक 2021,उत्तर प्रदेश फण्डामेंटल रूल 56 संशोधन तथा विधिमान्यकरण विधेयक 2021,उत्तर प्रदेश शीरा नियंत्रण संशोधन 2021,उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक 2021पारित हो गया। इसके अलावा और उत्तर प्रदेश लोकसेवा शारीरिक रूप से विकलांग,स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों और भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण संशोधन विधेयक 2021 भी पारित कर दिया गया।

रिपोर्ट: श्रीधर अग्निहोत्री

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