UP Roadways: अब रोडवेज से सफर करना हुआ महंगा, किराये में हुई 25 पैसे प्रति किमी की वृद्धि

UP Roadways: यूपी रोडवेज की 11,200 बसों के बेड़े से रोजाना 15 लाख से ज्यादा लोग सफर करते हैं। पिछले कई महीनों से परिवहन निगम घाटे का हवाला देकर किराया बढ़ोतरी का प्रस्ताव शासन को भेज रहा था।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-02-06 20:28 IST

Uttar Pradesh roadways buses increased fare (Social Media)

UP Roadways: उत्तर प्रदेश की जनता पर महंगाई की एक और मार उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम(यूपी रोडवेज) की बसों का किराया बढ़ने से पड़ी है। परिवहन निगम के एमडी संजय कुमार ने किराया बढ़ने की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पहले जहां यूपी रोडवेज की साधारण बसों से यात्रा करने पर प्रति यात्री ₹1.5 पैसे प्रति किलोमीटर किराया वसूल किया जाता था। अब 25 पैसे की वृद्धि करते हुए एक रुपये 30 पैसे प्रति किलोमीटर प्रति यात्री किराया वसूल किया जाएगा।

यूपी रोडवेज की 11,200 बसों के बेड़े से रोजाना 15 लाख से ज्यादा लोग सफर करते हैं। पिछले कई महीनों से परिवहन निगम घाटे का हवाला देकर किराया बढ़ोतरी का प्रस्ताव शासन को भेज रहा था। हालांकि, इस पर मुहर नहीं लग पाई थी। पिछले दिनों बसों के किराए में प्रति किलोमीटर बढ़ोतरी पर राज्य सड़क प्राधिकरण (एसटीए) ने मुहर लगा दी थी। एसटीए से मंजूरी के बाद प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया था। वहां से आज मंजूरी मिलते ही नई दरें लागू कर दी गई।

मेरठ क्षेत्र के प्रबन्धक के.के. शर्मा के अनुसार मुख्यालय के आदेश मिलते ही आज बढ़ा किराया यात्रियों से सोमवार रात से वसूलना शुरू हो जाएगा। किराये में बढ़ोतरी निम्नवत की गई हैः-

सेवा किराया दरें

(पैसे प्रति यात्री प्रति किमी0)

  • साधारण सेवा 130.00
  • जनपथ 3*2 163.86
  • जनरथ 2*2 193.76
  • वातानुकूलित स्लीपर 258.78
  • बाई एण्ड वाल्वो/स्कैनिया 286.14

बता दें कि इससे पहले पिछले 10 साल में परिवहन निगम की तरफ से छह बार किराए में बढ़ोतरी की गई थी। मसलन, वर्ष 2012 में चार पैसा प्रति किलोमीटर प्रति यात्री किराया बढ़ा था। इसी तरह वर्ष 2013 में चार पैसा, वर्ष 2014 में पांच पैसा, वर्ष 2016 में सात पैसा, वर्ष 2017 में नौ पैसा और वर्ष 2020 में 10 पैसा किराया बढ़ाया गया था। अब वर्ष 2023 में 25 पैसा प्रति यात्री प्रति किलोमीटर किराया बढ़ गया है। रोडवेज के अधिकारियों के अनुसार बढ़े किराए से हुई आमदनी से बसों की मेंटेनेंस और कर्मचारियों के भुगतान में मदद मिलेगी। कर्मचारियों के कई भत्तों का भुगतान रुका होने के साथ ही पिछले 3 साल से किराए में बढ़ोतरी नहीं हुई थी। जबकि डीजल का दाम ₹63 से बढ़कर ₹100 रुपये के करीब पहुंच गया है। इससे रोडवेज को लगातार घाटा हो रहा था। इस वित्तीय वर्ष में अब तक करीब 210 करोड़ का घाटा हो चुका है। किराया नहीं बढ़ने पर अगले वित्तीय वर्ष तक घाटा ढाई सौ करोड़ पहुंच जाएगा।

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