काशी ने खोया अपना अनमोल रत्न, कोरोना से नहीं बच पाए रोटी बैंक के संस्थापक
ग़रीबों और असहायों की मदद के लिए साल 2017 में आल इंडिया रोटी बैंक की स्थापना करने वाले किशोर कांत तिवारी का कोरोना से निधन।
वाराणसी: धर्म नगरी काशी में भूखे और असहाय लोगों की मदद करने वाले रोटी बैंक के संस्थापक किशोर कान्त तिवारी का कोरोना के चलते निधन हो गया। पिछले तीन दिनों से वो अस्पताल में भर्ती थे। मरने से पहले उन्होंने वीडियो सन्देश दिया, जिसमें वो लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करते नजर आएं। उनके निधन से काशी की जनता शोक में डूब गई।
ग़रीबों और असहायों की मदद के लिए साल 2017 में आल इंडिया रोटी बैंक की स्थापना करने वाले और गरीब मज़दूरों में रोटी वाले भैया के नाम से मशहूर थे किशोर कांत तिवारी। पिछले दिनों तेज़ बुखार की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में एडमिट कराया गया था। 5 दिन पहले उन्होंने अपने फेसबुक पर Live आकर शहरवासियों से सतर्कता बरतने को कहा था। तबियत बिगड़ने पर मंगलवार की देर रात वाराणसी के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी की पहल पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
मरने से पहले दिया लोगों को सन्देश
किशोर कांत तिवारी सासाराम, बिहार के रहने वाले थे और साल 2012 में पेट में प्रॉब्लम होने के बाद मां और पिता के साथ वाराणसी में बीएचयू में इलाज के लिए पहली बार बनारस आये थे। किशोरी कान्त सासाराम से इंग्लिश से ग्रेजुएशन करने के बाद 2009 से 2012 तक हैदराबाद में एक कंपनी में सेफ्टी ऑफिसर का जॉब भी कर चुके थे।
पीएम भी कर चुके हैं तारीफ
किशोर कांत के कामों से स्थानीय सांसद और देश के पीएम प्रधानमंत्री भी प्रभावित थे। उन्होंने प्रशस्ति पत्र देकर सराहना की थी. किशोरी कांत ने साल 2017 में अस्सी घाट के पास एक डोसा कार्नर के बगल में एक व्यक्ति के कूड़े में से डोसा निकालकर खाने को देखकर ऑल इंडिया रोटी बैंक की स्थापना की थी। इस बैंक ने पिछले वर्ष कोरोना विभीषिका में लाकडाउन के दौरान लाखों लोगों को दो वक़्त की रोटी मुहैया करवाई। किशोरी कान्त तिवारी की आंत में ट्यूमर था जिसका बेल्लूर में साल 2016 में ऑपरेशन हुआ था, जिसके बाद उन्हें सांस लेने में अक्सर दिक्कत होती थी और उन्हें इन्हेलर लेना पड़ता था।